दमोह, 12 जून (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के दमोह जिले के जिलाधिकारी श्रीनिवास शर्मा की मां की मौत सिर्फ इस वजह से हो गई क्योंकि उन्हें समय पर एंबुलेंस नहीं मिल पाई। देर से मिली एंबुलेंस से दमोह से जबलपुर ले जाते वक्त उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
दमोह, 12 जून (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश के दमोह जिले के जिलाधिकारी श्रीनिवास शर्मा की मां की मौत सिर्फ इस वजह से हो गई क्योंकि उन्हें समय पर एंबुलेंस नहीं मिल पाई। देर से मिली एंबुलेंस से दमोह से जबलपुर ले जाते वक्त उन्होंने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।
घटना शुक्रवार की है, जिलाधिकारी शर्मा की मां शांति देवी (76) की तबियत बिगड़ी, उन्हें जिला अस्पताल ले जाया गया, वहां पता चला कि यहां गहन चिकित्सा कक्ष ही नहीं है। इस स्थिति में उनका उपचार ऑपरेशन वहीं किया गया, लेकिन हालत बिगड़ी तो वेंटिलेटर युक्त एंबुलेंस की जरूरत महसूस की गई, लेकिन वह भी यहां नहीं मिली। इस पर एंबुलेंस सागर व जबलपुर से बुलाने की कोशिश हुई।
सिविल सर्जन डा. बी. आर. अग्रवाल ने रविवार को आईएएनएस को बताया कि जिला चिकित्सालय में वेंटिलेटर वाली एंबुलेंस ही नहीं है।
वहीं मुख्य स्वास्थ्य एवं चिकित्सा अधिकारी (सीएमएचओ) डॉ. अजय बरोनिया ने संवाददाताओं को बताया कि एक एंबुलेंस छह माह से खराब है और दूसरी सुधरने भोपाल गई है।
जिला चिकित्सालय में एंबुलेंस ही नहीं मिली तो साधारण एंबुलेंस के जरिए शर्मा की मां को जबलपुर ले जाया गया, मगर वे जबलपुर अस्पताल पहुंच पाती इससे पहले ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
अपनी मां को गंवाने वाले जिलाधिकारी शर्मा ने कहा कि यह पूरी व्यवस्था की बदइंतजामी का नतीजा है, इसके लिए पूरा तंत्र जिम्मेदार है। कलेक्टर होने के नाते मैं भी जिम्मेदार हूं, समय पर एंबुलेंस मिल जाती तो मां जीवित होती।