नई दिल्ली, 6 नवंबर (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने एप आधारित टैक्सी सेवा उबेर से इस मामले में हलफनामा दायर करने को कहा है कि उसने राष्ट्रीय राजधानी से अभी तक कितने डीजल वाहन हटा लिए हैं।
न्यायमूर्ति मनमोहन ने यह आदेश जारी करने के दौरान कहा, “उबेर ने किसी भी डीजल कैब को नहीं हटाया है।” उन्होंने कंपनी से हटाए गए डीजल वाहनों के रजिस्ट्रेशन नंबर भी मांगे।
अदालत ने उबेर से दो हफ्ते के अंदर हलफनामा दाखिल करने को कहा है और दिल्ली सरकार से कहा है कि वह उबेर की तरफ से दिए गए तथ्यों की जांच करे। मामले की अगली सुनवाई 3 दिसंबर को होगी।
इससे पहले अदालत ने उबेर को अस्थाई राहत देते हुए इस शर्त पर अपनी टैक्सी सेवा जारी रखने की अनुमति दी थी कि कंपनी मार्च तक अपने सभी वाहनों को सीएनजी आधारित कर लेगी और इस बीच अपने डीजल वाहनों को एक-एक कर हटाती जाएगी।
एक अन्य टैक्सी सेवा देने वाली कंपनी ओला ने अदालत में कहा था कि उबेर ने अभी तक किसी भी डीजल वाहन को नहीं हटाया है।
उबेर ने इस बात को गलत बताया। उसने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में वह डीजल वाहन चला रही है लेकिन दिल्ली में सीएनजी टैक्सी चला रही है।