नई दिल्ली, 22 मार्च (आईएएनएस)। दिल्ली उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एप आधारित टैक्सी सेवा प्रदाता कंपनी ओला को प्रतिस्पर्धी उबर की याचिका पर नोटिस जारी किया। उबर ने ओला पर आरोप लगाया है कि वह उबर का नकली खाता बनाकर पहले सेवा की बुकिंग करती है और फिर उसे रद्द कर देती है।
न्यायमूर्ति विपिन संघी ने ओला से दो सप्ताह में जवाब देने को कहा और मामले की सुनवाई 14 सितंबर को निश्चित कर दी।
उबर का आरोप है कि उसकी प्रतियोगी कंपनी नकली बुकिंग के जरिए उसके कारोबार को नुकसान पहुंचाना चाहती है, जिससे कंपनी को घाटा हुआ है। उबर ने कहा कि देश भर में चार लाख बुकिंग रद्द होने और उसके पंजीकृत चालकों के प्लेटफार्म छोड़ने से कारोबार प्रभावित हो रहा है।
उबर का आरोप है कि ओला के कर्मचारी नकली खाता बना रहे हैं, जिसका उपयोग बुकिंग करने और उसे रद्द करने के लिए किया जा रहा है।
सुनवाई के दौरान उबर के वकील राजीव नैयर ने कहा, “ओला के द्वारा बड़ी संख्या में नकली खाता बनाया जा रहा है, जिसका उपयोग बुकिंग करने और बाद में उसे रद्द करने में किया जा रहा है। इसकी वजह से हमारे चालक व्यस्त रहते हैं और हमें रद्दीकरण शुल्क चुकाना होता है।”
उन्होंने कहा कि यह काम सर्वाधिक पुणे, बेंगलुरू और दिल्ली में हो रहा है।
ओला ने हालांकि उबर के आरोपों को खारिज किया है और कहा है कि ये आरोप मनगढंत धारणाओं पर आधारित हैं।