Saturday , 28 September 2024

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उप : वरिष्ठ नागरिक नीति को मंजूरी

नवीन योजनाओं के मास्टर प्लान में एक ही परिसर में वृद्धाश्रम व अनाथालय के निर्माण तथा संचालन के लिए भूमि का आरक्षण, स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा एक ही परिसर में वृद्धाश्रम एवं अनाथालय के निर्माण तथा संचालन के लिए प्रस्ताव प्राप्त होने पर भूमि उपलब्ध कराने की व्यवस्था तथा वृद्धाश्रम व अनाथालय के संचालन के लिए भवन निर्माण कर, प्रतिष्ठित स्वयंसेवी संस्थाओं को संचालन के लिए उपलब्ध कराएंगे।

ऐसे वृद्धाश्रमों में कम से कम 25 प्रतिशत सीटें बीपीएल श्रेणी के वरिष्ठ नागरिकों के लिए आरक्षित की जाएगी और इन्हें नि:शुल्क आवासीय सुविधा एवं भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।

राज्य सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश माता-पिता एवं वरिष्ठ नागरिक भरण-पोषण नियमावली, 2014 के अंतर्गत स्थापित वृद्धाश्रमों के रखरखाव एवं संचालन के लिए नियमानुसार चयनित स्वयंसेवी संस्थाओं को अनुदान दिया जाएगा। ऐसे वृद्धाश्रमों में अशक्त एवं असहाय वरिष्ठ नागरिकों को आवासीय एवं भोजन आदि की व्यवस्था नि:शुल्क प्रदान की जाएगी।

वरिष्ठ नागरिकों के कल्याण के लिए प्रदेश में विभिन्न संस्थाओं द्वारा संचालित सभी प्रकार के वृद्धाश्रमों से संबंधित नीति विषयक प्रकरणों के निर्धारण, मॉनीटरिंग व अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए समाज कल्याण विभाग के अंतर्गत एक वृद्धाश्रम नियामक इकाई का गठन किया जाएगा। इसकी अध्यक्षता निदेशक समाज कल्याण करेंगे तथा विभागीय संयुक्त निदेशक इसके सदस्य सचिव/संयोजक होंगे।

वरिष्ठ नागरिकों को आवास-क्रय एवं वृहद मरम्मत के लिए सहजतापूर्वक कम दर पर ऋण प्रदान करने तथा किस्तें अदा करने की व्यवस्था की जाएगी। वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र स्तर पर उपलब्ध कराई जाएंगे।

वृद्धावस्था पेंशन की धनराशि में राज्य सरकार ने राज्यांश में 100 रुपये प्रतिमाह का इजाफा करते हुए वृद्धावस्था पेंशन की धनराशि 400 रुपये प्रतिमाह 1 अप्रैल, 2016 से करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही वरिष्ठ नागरिकों को जीवन एवं सम्पत्ति की सुरक्षा प्रदान करने के लिए हेल्पलाइन की स्थापना भी प्रदेश सरकार करेगी।

कहा गया है कि निरक्षर वरिष्ठ नागरिकों को साक्षर बनाने का कार्य किया जाएगा तथा वरिष्ठ नागरिकों को उनके अधिकारों के बारे में शिक्षित एवं जागरूक किया जाएगा। स्कूल, कॉलेजों में ‘दादा-दादी एवं नाना-नानी दिवस’ मनाए जाएंगे, जिसमें परिवार के वरिष्ठ नागरिकों को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाएगा और उनकी रुचि के अनुसार कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाएंगे।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए मनोरंजन केंद्रों, बहुउद्देशीय नागरिक सेवा केंद्रों, डे-केयर सेंटर, बहुउद्देशीय मनोरंजन केंद्रों एवं अल्पकालिक निवास केंद्रों का गठन स्थानीय निकायों द्वारा किया जाएगा।

विभिन्न मनोरंजक कार्यक्रमों, सांस्कृतिक व सामाजिक कार्यक्रमों, मेलों, प्रदर्शनी, पार्कों आदि में भाग लेने के लिए वरिष्ठ नागरिकों को प्रवेश नि:शुल्क या रियायती दर पर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाएगी।

तहसील दिवस/थाना दिवस आदि में वरिष्ठ नागरिकों से प्राप्त प्रार्थना पत्रों/शिकायतों का निस्तारण प्राथमिकता पर किया जाएगा एवं इसकी अलग से समीक्षा संबंधित जनपद स्तरीय अधिकारियों द्वारा की जाएगी।

वरिष्ठ नागरिकों में विशेषकर वृद्ध महिलाओं को विधिक सहायता नि:शुल्क एवं उनके निवास पर ही उपलब्ध कराई जाएगी तथा विभिन्न आवासीय योजनाओं में आरक्षण के अंतर्गत वरिष्ठ महिलाओं को प्राथमिकता प्रदान की जाएगी।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए राज्य स्तर पर ‘वरिष्ठ नागरिक कल्याण निधि’ की स्थापना की जाएगी। इस निधि में सरकार, निजी क्षेत्र की कंपनियों, ट्रस्टों, धर्मार्थ संस्थाओं व निजी व्यक्तियों से प्राप्त सहायता अथवा दान राशि जमा कराई जाएगी तथा ऐसी धनराशि को कर मुक्त किया जाएगा।

निधि में प्राप्त धनराशि का उपयोग शासन द्वारा निर्धारित प्रक्रिया को ध्यान में रखकर किया जाएगा। निधि की स्थापना/शुरुआत राज्य सरकार के 5 करोड़ रुपये के योगदान से की जाएगी।

वरिष्ठ नागरिकों के हितों से संबंधित इस नीति के सम्यक कार्यान्वयन के लिए समाज कल्याण निदेशालय के तहत ‘उत्तर प्रदेश राज्य वरिष्ठ नागरिक नीति प्रकोष्ठ’ का गठन किया जाएगा। वरिष्ठ नागरिकों की समस्याओं को समुचित स्तर पर अध्ययन कर समस्या का निदान करने तथा द्विषयक कार्यक्रमों के क्रियान्वयन के लिए जनपद स्तर पर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में ‘जनपद स्तरीय वरिष्ठ नागरिक समिति’ का गठन किया जाएगा।

प्रदेश स्तर पर ‘उत्तर प्रदेश राज्य वरिष्ठ नागरिक काउंसिल’ का गठन मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में किया जाएगा।

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