लखनऊ , 29 अक्टूबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने गुरुवार को बड़ा कदम उठाते हुए अपने मंत्रिमंडल के 8 मंत्रियों को एक साथ बर्खास्त कर दिया और 9 मंत्रियों के विभाग छीन लिए। समूचे विपक्ष ने इसे देर से उठाया गया कदम करार दिया।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा, “अब बहुत देर हो चुकी है। जनता ने अपना मन बना लिया है। अब इस तरह के फैसलों से कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है।”
वहीं, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ. निर्मल खत्री ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, “एक नहीं, बल्कि कई बार समाजवादी पार्टी के मुखिया ने मंत्रिमंडल के सदस्यों को सुधरने एवं भ्रष्टाचार से दूर रहने की बार-बार चेतावनी दी थी, लेकिन आज मुख्यमंत्री द्वारा एकाएक ऐसा निर्णय लेकर अपनी सरकार की छवि को साफ सुथरा करने का प्रयास किया गया है, यह देर से उठाया गया अधूरा कदम है।”
खत्री ने कहा कि प्रदेश की जनता इस वर्तमान सरकार के मंत्रियों की कार्यशैली से पूरी तरह वाकिफ है। सच्चाई तो यह है कि प्रदेश के मुख्यमंत्री ने आने वाले 2017 के विधानसभा चुनाव में जातीय समीकरण बिठाने के प्रयासों के तहत ऐसा कदम उठाया है।
बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के राष्ट्रीय महासचिव एवं विधानसभा में विपक्ष के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार अपनी नाकामी छिपाने, भ्रष्टाचार से ध्यान हटाने के लिएयह कदम उठाया है। सपा सरकार में मंत्री कानून का मजाक उड़ाते हैं और गुंडई करते हैं।
मौर्य ने हालांकि यह भी कहा कि यह मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है कि वह अपने मंत्रिमंडल में किसे रखते हैं और किसे बाहर करते हैं।