इलाहाबाद, 29 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में नए लोकायुक्त की चयन प्रक्रिया में संशोधन कर मुख्य न्यायाधीश की भूमिका खत्म किए जाने के लिए पारित विधेयक को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है। तर्क दिया गया है कि पारित विधेयक न्यायपालिका की स्वतंत्रता के विपरीत है, लिहाजा इस पर रोक लगाई जानी चाहिए।
उच्च न्यायालय में याचिका याची अनूप बरनवाल ने दायर की है। अर्जी में विधेयक संबंधी फाइल तलब कर इसे रद्द करने तथा याचिका के लंबित रहने के दौरान उस पर रोक लगाने की मांग की गई है।
अर्जी के साथ विधेयक संबंधी समाचारपत्रों में प्रकाशित समाचार की प्रति भी संलग्न की गई है। लोकायुक्त चयन प्रक्रिया को लेकर दायर जनहित याचिका पर न्यायालय ने 7 सितंबर को सुनवाई तय की है।
लोकायुक्त के चयन के लिए राज्य सरकार ने उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की भूमिका पूरी तरह से खत्म करने का फैसला किया है। लोकायुक्त चयन संशोधन विधेयक विधानसभा में गुरुवार को पारित किया गया था।
बदले हुए नियमों के मुताबिक, लोकायुक्त का चयन अब मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में गठित चार सदस्यीय समिति करेगी। इसमें विधानसभा अध्यक्ष, विधानसभा में नेता विपक्ष तथा समिति के अध्यक्ष द्वारा विधानसभा के परामर्श से नामित सुप्रीम कोर्ट या हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश बतौर सदस्य शामिल होंगे।