पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि राज्यसभा चुनाव में सपा और भाजपा के कारण बाहरी गैर-राजनीतिक व्यक्तियों का यहां चुनाव में प्रवेश हुआ और जीत प्राप्ति के लिए धनबल के सहारे काफी कुछ नाटकबाजी करने की कोशिश की गई, लेकिन प्रदेश की जनता के मूड व उसकी नब्ज को समझते हुए धनबल की हार हुई और इस प्रकार खासकर भाजपा-समर्थित गुजरात से आई उम्मीदवार को हारना पड़ा।
मायावती ने रविवार को यहां जारी अपने बयान में कहा कि बसपा की जिन भी राज्यों में जो भी ताकत थी उसने अपनी उस ताकत का इस्तेमाल सांप्रदायिक शक्तियों को कमजोर करने में ही लगाया।
उन्होंने कहा कि पार्टी अपने इस अभियान को जारी रखते हुए उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड व पंजाब राज्य में शीघ्र ही होने वाले विधानसभा चुनाव में सांप्रदायिक भाजपा और अति-जातिवादी पार्टी सपा से संघर्ष के लिए तैयार है।