लखनऊ , 6 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में नए लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की कोशिशों को झटका लगा है। राजभवन ने राज्य सरकार की वह फाइल लौटा दी, जिसमें उसने न्यायमूर्ति रवींद्र सिंह को राज्य का नया लोकायुक्त बनाने की सिफारिश की थी।
राज्यपाल राम नाईक ने राज्य सरकार से कहा है कि नए लोकायुक्त की नियुक्ति के संबंध में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष के बीच हुए समस्त पत्राचारों की जानकारी उन्हें भी दी जाए।
राज्यपाल ने अपेक्षा की है कि सभी पत्राचारों सहित फाइल उन्हें शीघ्र भेजी जाए, ताकि नए लोकायुक्त की नियुक्ति पर निर्णय लिया जा सके।
उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार न्यायमूर्ति रवींद्र सिंह को प्रदेश का नया लोकायुक्त बनाने पर अड़ी हुई है। बताया जा रहा है कि इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ की आपत्तियों को दरकिनार करते हुए सरकार ने न्यायमूर्ति रवींद्र सिंह की नियुक्ति के प्रस्ताव पर कैबिनेट की मुहर लगाकर राजभवन भेजा था, लेकिन राज्यपाल ने संबंधित फाइल वापस कर दी।
दरअसल, नए लोकायुक्त की नियुक्ति को लेकर सर्वोच्च न्यायालय के कड़े रुख के बाद उप्र सरकार पर दबाव काफी बढ़ गया है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से तय की गई समय सीमा 21 अगस्त को तक है। कैबिनेट से न्यायमूर्ति रवींद्र सिंह के नाम पर मुहर लगवाकर सरकार शीर्ष अदालत में अपने बचाव की तैयारी में जुटी थी, लेकिन राजभवन से सरकार को निराशा हाथ लगी है।