लखनऊ, 16 जून (आईएएनएस)। भारतीय वायु सेना का जगुआर लड़ाकू विमान मंगलवार को अपने नियमित अभ्यास उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया। विमान के दोनों पायलट सुरक्षित हैं।
घटना के कारणों का पता लगाने के लिए जांच के आदेश दिए गए हैं।
विमान ने बामरौली हवाई पट्टी से उड़ान भरी थी, लेकिन पायलटों ने कुछ ही मिनट बाद ग्राउंड स्टाफ को विमान में तकनीकी गड़बड़ी पाए जाने के संकेत भेजे।
पायलट जब विमान को नियंत्रित कर पाने में विफल रहे, तो खुद को सुरक्षित करते हुए पैराशूट के जरिये विमान से बाहर निकल गए और उसे छोड़ दिया, जिसके बाद विमान नैनी इलाके में फूड कार्पोरेशन ऑफ इंडिया (एफसीआई) के गोदाम के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
दोनों पायलट सुरक्षित हैं, लेकिन विमान नष्ट हो गया है। जमीन पर गिरने के बाद विमान में आग लग गई और दमकल की गड़ियों को आग बुझाने के लिए भेजा गया। कई वरिष्ठ अधिकारी भी सूचना पाते ही घटनास्थल पर पहुंचे।
अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि इलाके की घेराबंदी कर दी गई है। जमीन पर किसी को भी नुकसान नहीं पहुंचा है।
यह इस साल का दूसरा जगुआर विमान हादसा है। इससे पहले हरियाणा में एक लड़ाकू विमान इसी तरह दुर्घटनाग्रस्त हुआ था और उस घटना में पायलट की जान तो बच गई थी, लेकिन वह घायल हो गए थे।
वर्ष 2011-14 के बीच कम से कम चार जगुआर विमान दुर्घटनाग्रस्त हुए।
वायु सेना की वेबसाइट के मुताबिक, जगुआर एंग्लो-फ्रांसीसी मूल का दोहरे इंजन वाला लड़ाकू विमान है। इसकी रफ्तार 1,350 किलोमीटर प्रति घंटा है।
जगुआर लड़ाकू विमान का 1999 के कारगिल युद्ध में महत्वपूर्ण योगदान रहा है। इसके अलावा भी देश के अंदर कई अभियानों में इसने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।