लखनऊ , 20 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की उत्तर प्रदेश इकाई ने कहा है कि बिजली आपूर्ति के मुद्दे को शीर्ष प्राथमिकता बताने वाली अखिलेश यादव सरकार के शासन में राज्य में बिजली सिंडिकेट इतना तगड़ा हो गया है कि बिजली बिलों में हेराफेरी कर घोटाले को अंजाम दे रहा है। इसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।
भाजपा ने बिलिंग घोटाले के हजारों करोड़ रुपये तक पहुंचने की आंशका जाहिर करते हुए इसकी उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।
राज्य में कथित तौर पर हुए बिलिंग घोटाले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता विजय बहादुर पाठक ने कहा कि बिजली विभाग में हो रही अनियमितताओं को मुस्तैदी से उठाते हुए अखिलेश यादव सत्ता में आए थे, पर अब वे चुप्पी क्यों साधे हुए हैं।
उन्होंेने कहा कि बिजली खरीद में हो रही धांधली को स्वीकार कर शुरुआत में कड़े फैसले लेने का आश्वासन देते हुए मुख्यमंत्री अखिलेश ने उन्हीं घोटालेबाजों, धंधेबाज अधिकारियों को प्रश्रय देना शुरू कर दिया, जो बिजली विभाग के सिंडिकेट के जनक थे।
पाठक ने कहा कि जिस तरह एसटीएफ की जांच के बाद तथ्य सामने आ रहे हैं, उससे स्पष्ट है कि अधिकारी-अभियंता गठजोड़ के भरोसे ही इतने बड़े घोटालों को अंजाम दिया जा सकता है।
पाठक ने आश्चर्य जताया कि यह कैसे संभव है कि घोटालेबाज यूजर, पासवर्ड का इस्तेमाल लगातार करते रहे और संबधित अधिकारी को भनक तक नहीं लग सकी।
उन्होंने सवाल उठाया कि जिस वितरण खंड में घोटाले हुए, वहां के शीर्ष अधिकारी ने अपने सिस्टम में इसे क्यों नहीं देखा, जबकि हर सिस्टम में यह रिपोर्ट उपलब्ध रहती है कि कब किसने किस आईडी से किस उपभोक्ता का बिल संशोधित किया। ऐसे में साफ है कि बिना मिलीभगत के सिंडिकेट बनाए इस घोटाले को अंजाम नहीं दिया जा सकता।