राज्य सरकार का संकल्प है कि अक्टूबर 2016 से ग्रामीण इलाकों में कम से कम 16 घंटे एवं शहरी क्षेत्रों को 22 से 24 घंटे विद्युत आपूर्ति प्राप्त हो। इस संबंध में प्रदेश सरकार एवं वितरण कम्पनियों द्वारा लगभग 11,000 मेगावाट की वर्तमान विद्युत उपलब्धता को अक्टूबर 2016 तक बढ़ाकर लगभग 17,500 मेगावाट करने के लिए सभी प्रबन्ध कर लिए गए हंै। यहीं नहीं, बढ़ी हुई उपलब्ध बिजली को उपभोक्ताओं तक पहुंचाने के लिए पारेषण एवं वितरण तंत्र के विकास एवं सुदृढीकरण की भी सभी योजनाएं बना ली गई हंै।
मुख्यमंत्री ने कहा कि चालू वित्तीय वर्ष में पारेषण क्षेत्र में 35 नये उपकेन्द्रों का निर्माण पूरा करके उन्हें ऊर्जीकृत किया गया है, जबकि इससे पूर्व वर्ष 2007 से 2012 की अवधि में प्रतिवर्ष 17 उपकेन्द्रों का निर्माण पूर्ण किया गया था। अगले 2 साल में पारेषण से संबंधित 120 उपकेन्द्रों के ऊर्जीकरण का लक्ष्य है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान सरकार ने वर्ष 2014-15 में ऊर्जा विभाग के बजट में रिकार्ड वृद्धि की है। वर्ष 2011-12 में ऊर्जा विभाग का कुल बजट 8933 करोड़ रुपए था, जिसे वर्ष 2014-15 में बढ़ाकर 28,666 करोड़ रुपये कर दिया गया है।
प्रदेश के इतिहास में ऊर्जा विभाग के लिए इतनी बड़ी धनराशि का प्राविधान कभी नहीं किया गया। अखिलेश ने कहा कि प्रत्येक गांव एवं मजरे में बिजली की सुविधा उपलब्ध कराना राज्य सरकार का लक्ष्य है। योजना पर कार्य प्रारम्भ भी हो गया है तथा जुलाई, 2016 तक एक लाख गांवों एवं मजरों का विद्युतीकरण कार्य पूर्ण कराना लक्षित है।
मुख्यमंत्री ने केन्द्र सरकार द्वारा ऊर्जा के क्षेत्र में किए जा रहे सहयेाग के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि राज्य सरकार अपनी ओर से ऊर्जा क्षेत्र में प्रगति के लिए सभी वांछित कदम तेजी से उठा रही है।