प्रमुख सचिव गृह देबाशीष पण्डा की अध्यक्षता में गुरुवार को हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया। शासन द्वारा सभी जनपदों को मानव तस्करी की घटनाओं पर कड़ी नजर रखने तथा इस चुनौती से निपटने के लिये जन-जागरूकता अभियान भी चलाए जाने के निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में प्रदेश में मानव तस्करी को रोकने के संबंध में किए गए प्रयास एवं भावी रणनीति बनाये जाने के संबंध में विस्तृत विचार विमर्श किया गया।
बैठक में बताया गया कि नेपाल में आए भूकम्प के परिणाम स्वरूप नेपाल से सटे प्रदेश के तटीय जनपदों में आने वाले अवयस्क बालक, बालिकाओं एवं महिलाओं पर सतर्क दृष्टि रखे जाने के निर्देश दिए गए ताकि सीमावर्ती जनपदो में मानव तस्करी पर कड़ी नजर रखी जा सके।
शासन द्वारा पश्चिम बंगाल, झारखण्ड, उड़ीसा, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों से इस दिशा में बेहतर समन्वय बनाकर मानव तस्करी रोकने की दिशा में सार्थक प्रयास किए जाने के निर्देश दिए गए हैं। घरेलू काम के लिए व्यक्तियों को उपलब्ध कराने वाली प्लेसमंेट एजेंसियों पर भी कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए गए हैं ताकि मानव तस्करी की घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण रखा जा सके।
मानव तस्करी की घटनाआंे को रोकने के लिए मानव तस्करी विरोधी यूनिट्स को जरूरी प्रशिक्षण देने के विशेष प्रयास किए जाने के निर्देश दिए गए। इस कार्य के लिए यूनिसेफ के सहयोग से शक्ति वाहिनी एनजीओ की सहायता भी लिए जाने के लिए कहा गया है।