डॉ. मसूद अहमद ने कहा कि उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा), समाजवादी पार्टी (सपा) एवं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की सरकारों ने प्रदेश की सत्ता प्राप्त करने के बाद गांवों की दशा पर कोई ध्यान नहीं दिया। केवल अंबेडकर ग्राम एवं लोहिया ग्राम घोषित करके विकास के नाम पर धन की बंदरबांट की है। किसान एवं मजदूर दर-दर भटकने को ही मजबूर रहा तथा ग्रामीण अंचल का युवा वर्ग इन पार्टियों के नेताओं द्वारा गुमराह किया गया जो कि बेकारी एवं बेरोजगारी की मार झेलता रहा है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में इन समस्याओं को देखते हुए रालोद ने विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने का फैसला किया है। डॉ. मसूद ने कहा कि इस संदर्भ में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ बैठकर निर्णय को अंतिम रूप दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास के द्वारा ही उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाया जा सकता है। इसके अतिरिक्त कोई विकल्प नहीं हो सकता, क्योंकि एक्सप्रेस वे और मेट्रो रेल ग्रामीण विकास के सामने गौण हैं।