लखनऊ, 9 जून (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यहां रविवार को ‘द मिलियन फारमर्स स्कूल’ का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि यह वही प्रदेश है, जहां पहले राजनीतिक उपेक्षा के कारण किसान आत्महत्या करता था। शासन की अकर्मण्यता के कारण किसान लागतार घाटे में चल रहा था। दो वर्षो में राज्य ने रिकार्ड खाद्यान्न प्राप्त किया है।
योगी ने कहा, “केंद्र में मोदी सरकार बनने के बाद कि योजनाओं को भी यहां लागू नहीं किया गया जिसका खमियाजा हमारे किसानों को भुगतना पड़ा। 2017 में किसानों ने हमारे हाथों में राज्य की बागडोर सौंपी, क्योंकि किसान हमारी पार्टी के एजेंडे में शामिल रहा। हमने 2 करोड़ 33 लाख किसानों के डाटा बैंक को तैयार करने और केंद्र की योजनाओं को लागू करने का कार्यक्रम तैयार किया।”
उन्होंने कहा, “जो किसान कृषि से पलायन करने को मजबूर था, वह आज रिकॉर्ड उत्पादन कर रहा है। मशीनरी आज भी वही है, लेकिन राजनैतिक नेतृत्व बदला है।”
योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि में 1 करोड़ 3 लाख किसानों को 2-2 हजार की किस्तें मिली हैं, बाकियों का भी डेटा तैयार किया जा रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “किसानों से जुड़ी बातों की मॉनिटरिंग प्रतिदिन मैं खुद करता हूं। आज प्रदेश में 6 हजार से अधिक जगहों पर गेहूं क्रय केंद्र संचालित हो रहे हैं।”
योगी ने कहा कि केंद्र सरकार पिछले 4 से 5 सालों से प्रदेश को 20 कृषि विज्ञान केंद्र देना चाहती थी, लेकिन पिछली सरकार लेना ही नहीं चाहती थी। उन्हें लगता था कि इसकी कोई जरूरत नहीं। हम लोगों ने 20 कृषि विज्ञान केंद्रों के प्रस्ताव भेजे, जिसे केंद्र ने स्वीकृत भी किया।
उन्होंने कहा, “हम लोग जब सत्ता में आए थे तब 2011 से 2017 तक गन्ना किसानों का बकाया था, पिछली 2 सरकारों ने 50 हजार करोड़ बमुश्किल बकाया दिया। हम लोगों ने 2 सालों में ही 68 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा बकाया उपलब्ध करवाया।”
मुख्यमंत्री ने कहा, “आज उत्तर प्रदेश गन्ना उत्पादन में फिर से पहले स्थान पर है। मोदी सरकार में 5 साल तक महंगाई मुद्दा नहीं रही। बिना भेदभाव के खुशहाली लोगों तक पहुंचा देना, यानी आदर्श प्रबंधन ही रामराज्य की व्यवस्था है।”
योगी ने कहा कि अब जो चीनी मील लगाई जा रही हैं, उसमें एथनॉल बनाने की व्यवस्था भी करेंगे। आने वाले समय मे अन्य चीनी मिलों को भी आगे बढ़ाने का काम किया जा रहा है।
योगी ने कहा कि लोगों को यह सपना लगता था, लेकिन 37 लाख मीट्रिक टन पहले साल, दूसरे साल 53 लाख और इस वर्ष अभी तक तक 36 लाख मीट्रिक टन गेहूं का क्रय राज्य कर चुका है।
उन्होंने कहा, “हमारे पास देश की कुल भूमि की 11 प्रतिशत भूमि 17 प्रतिशत आबादी देश के खाद्यान्न का 20 प्रतिशत उत्पादन कर रही है। हमारे पास प्रदेश में 4 कृषि विश्वविद्यालय हैं। ये नमूने के सफेद हाथी नहीं हो सकते, इन्हें किसानों के बीच जाकर काम करना होगा।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि किसानों के साथ बेहतर तालमेल करके वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के प्रधानमंत्री के लक्ष्य में हम कामयाब होंगे। आने वाले समय में किसान का प्रतिनिधि ही मंडियों का संचालन करेगा।
वहीं, कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने कहा, “किसान पाठशाला के माध्यम से किसानों की आय दोगुना करने का प्रयास कर रहे हैं। तीन चरणों में करीब 30 लाख किसान इससे लभान्वित हुए। योजनाओं को हम किसानों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं। यूपी लगातार विकास के मार्ग पर आगे बढ़ रहा है।”
इस मौके पर मंत्री रणवेंद्र प्रताप धुन्नी और मंत्री दारा सिंह चौहान भी मौजूद रहे।