लखनऊ/गाजीपुर, 26 अप्रैल (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले से सांसद व रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा जल्द ही अपने संसदीय क्षेत्र को दो नई ट्रेनों की सौगात देने जा रहे हैं।
लखनऊ/गाजीपुर, 26 अप्रैल (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले से सांसद व रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा जल्द ही अपने संसदीय क्षेत्र को दो नई ट्रेनों की सौगात देने जा रहे हैं।
रेल भवन के अधिकारियों के मुताबिक, सिन्हा अगले महीने से गाजीपुर-मुंबई और गाजीपुर-कोलकाता के लिए दो नई ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना कर सकते हैं। फिलहाल एक रेलगाड़ी का नाम ‘स्वामी सहजानंद एक्सप्रेस’ होगा, जबकि दूसरी के नाम को लेकर मंथन चल रहा है।
रेल राज्यमंत्री मनोज सिन्हा ने इसी महीने 13 अप्रैल को गाजीपुर से दिल्ली के लिए महाराजा सुहेलदेव एक्सप्रेस को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था। यह पहला मौका था, जब गाजीपुर से सीधे दिल्ली के लिए एक नई ट्रेन चलाई गई थी।
रेल भवन के सूत्रों की मानें तो मनोज सिन्हा ने 13 अप्रैल को नई ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के बाद कहा था कि जल्द ही गाजीपुर-मुंबई व गाजीपुर-कोलकाता के लिए भी नई रेलगाड़ियां शुरू की जाएंगी, जिससे पूर्वाचल के लोगों को महानगरों की यात्रा करने में काफी सहूलियत होगी।
रेल अधिकारियों ने उनकी इस घोषणा को अमल में लाने की कवायद शुरू कर दी है। रेल भवन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने आईएएनएस से बातचीत के दौरान इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जून में दो नई ट्रेनों की सौगात गाजीपुर को मिलने जा रही है।
अधिकारी ने बताया, “गाजीपुर में फिलहाल वाशिंग लाइन का काम तेजी से चल रहा है। यह काम जल्द ही पूरा हो जाएगा। इसके बाद गाजीपुर से नई ट्रेनों की शुरुआत का रास्ता और आसान हो जाएगा। जून महीने में गाजीपुर-मुंबई व गाजीपुर-कोलकाता के लिए नई ट्रेनें शुरू की जा सकती हैं। फिलहाल रेलगाड़ियों के नामों को लेकर बातचीत चल रही है।”
रेल भवन के विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक, गाजीपुर से जो दो नई ट्रेनें चलाने की कवायद शुरू हुई है, उनका नाम गाजीपुर से जुड़ी विभूतियों के नाम पर रखा जा सकता है। परमवीर चक्र विजेता वीर अब्दुल हमीद, राही मासूम रजा, स्वामी सजानंद सरस्वती जैसे कई नामों पर विचार चल रहा है।
अधिकारियों की मानें तो गाजीपुर से चलने वाली दो ट्रेनों में से एक का नाम स्वामी सहजानंद के नाम पर रखने की सहमति लगभग बन चुकी है। इस ट्रेन का नाम ‘स्वामी सहजानंद एक्सप्रेस’ रखा जा सकता है। दूसरी ट्रेन का नाम अभी तय नहीं हो पाया है।
उल्लेखनीय है कि उप्र में वर्ष 2017 में विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव को मद्देनजर रखते ही केंद्र सरकार की ओर से पूर्वाचल के लोगों को लुभाने की पूरी कोशिश हो रही है। सुहेलदेव एक्सप्रेस के बाद अब दो नई ट्रेनों की शुरुआत भी इसी रणनीति का हिस्सा है।