मुख्यमंत्री ने कहा कि भोजपुरी अकादमी का अध्यक्ष कोई नौकरशाह नहीं, बल्कि राजनैतिक व्यक्ति होंगे। इस खबर से भोजपुरिया समाज में खुशी है।
भोजपुरी भाषा देश-विदेश में बोली और समझी जाती है। भोजपुरी अकादमी का गठन न होने के कारण इसका व्यापक प्रचार-प्रसार नहीं हो पा रहा था। इस संबंध में विधान परिषद सदस्य व विनियम समिति के सभापति विजय यादव की भी अहम भूमिका रही।
उन्होंने बताया कि पूर्वाचल के लोग अच्छी भोजपुरी बोलते और समझते हैं। पूर्वाचल के गांधी रामकरन दादा की इच्छा थी कि भोजपुरी को अंतर्राष्ट्रीय भाषा के रूप में पहचान मिले। उन्होंने कई बार इस बात की चर्चा सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव से की थी।
विजय यादव ने कहा, “हमने सन् 2006 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह को पत्र लिखा और इस मुद्दे को विधान परिषद में उठाया। तत्कालीन नेता सदन अहमद हसन ने सदन को आश्वासन दिया कि शीघ्र ही भोजपुरी अकादमी का गठन किया जाएगा। तब तक सपा सरकार चली गई।”
यादव ने बताया कि उन्होंने बसपा सरकार के कार्यकाल में भी सदन में भोजपुरी अकादमी का मुद्दा उठाया था, लेकिन सरकार ने उसे गंभीरता से नहीं लिया। आखिरकार, मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
एमएलसी ने बताया कि इस साल फरवरी में इस मुद्दे को लेकर वह मुख्यमंत्री अखिलेश यादव से मिले और पूरे मामले की जानकारी दी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इस मुद्दे को गंभीरता से लिया और इसी कड़ी में बीते दिनों भोजपुरी अकादमी के गठन के लिए अधिसूचना जारी कर दी गई। अब जल्द ही इसकी नियमावली बनने के साथ आगे की कार्यवाही पूरी होगी।