खेत में काम कर रही महिला लीलावती प्यास बुझाने के लिए खेत से सौ मीटर दूर बंजारे बाबा स्थान पर लगे हैंडपंप पर गई थी।
प्रत्यक्षदर्शियांे के मुताबिक, महिला पानी पीकर जब वापस लौट रही थी, तभी अचानक झाड़ियों में छिपे बाघ ने गुर्राहट के साथ पीछे से हमला कर दिया। महिला जमीन पर गिर पड़ी। बाघ ने महिला की पीठ व कंधों पर पंजा मारा, उसके बाद गर्दन पर दांत गड़ाने का प्रयास किया, तभी बाघ की दहाड़ व महिला की घुटी-घुटी आवाज सुनकर पास के ही मवेशी चरा रहे गांव वाले शोर करते हुए महिला की तरफ भागे।
एक साथ कई लोगों को आते देख बाघ महिला को छोड़कर जंगल की ओर भाग गया। घायल लीलावती को तुरंत गोला गोकर्णनाथ स्थित सीएचसी पहुंचाया गया।
इस घटना की जानकारी मिलते ही वनकर्मी घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने बाघ के पंजों के निशान तलाशे, लेकिन वहां घास होने के कारण निशान नहीं मिले। वनकर्मियों ने ग्रामीणों को सचेत रहने की सलाह दी है।
संयोगवश घायल महिला का सगा भाई राधेश्याम स्वयं वनकर्मी है। उसने बताया कि महेशपुर रनेज के जंगल में दो बाघ और एक मादा तेंदुआ व उसके दो बच्चे भी हैं। इस क्षेत्र में इंसान पर बाघ का यह दूसरा हमला था।