किसान गया प्रसाद को करीब ढाई बीघा खेत मंे मात्र डेढ़ कुंतल गेहूं निकलने पर गहरा सदमा लगा। उसका सिर चकराया, वह चारपाई पर लेट गया। कुछ ही देर में उनकी मौत हो गई।
मृतक के बड़े पुत्र रामसरन ने बताया कि उसके पिता पर अमीरनगर की इलाहाबाद यूपी ग्रामीण बैंक का 50 हजार रुपया तथा एक महाजन का 10 हजार रुपये का कर्ज था। उसने बताया कि उसकी शादी 30 अप्रैल को थाना मितौली के लक्ष्मीपुर गांव से होनी थी।
गया प्रसाद के चार लड़के रामसरन, प्रदीप, रामनिवास, लालाराम तथा एक विवाहित लड़की है। मौके पर पहुंचे तहसीलदार गोला अभिमन्यु वर्मा ने किसान की मौत को स्वाभाविक मौत बताया तथा परिवार के लोगों के कहने पर शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला मुख्यालय भिजवा दिया।
एक अन्य मामले में जंगबहादुरगंज के पसगवां थाना क्षेत्र की ग्रामसभा कल्लुआ के मजरा भैंसटा निवासी किसान परशुराम फसल बर्बाद होने से चिंतित था। परिवार वालों के मुताबिक, बेमौसम बारिश से पांच बीघे गेहूं की फसल पहले ही बर्बाद हो चुकी थी। 24 अप्रैल को परशुराम के तीसरे पुत्र पप्पू की शादी के लिए परशुराम के पास पैसा नहीं था। उसकी सारी उम्मीद गेहूं की फसल पर ही टिकी थी।
बारिश से फसल बर्बाद होने के बाद परशुराम ने शादी का खर्च जुटाने के लिए उचैलिया स्थित एक बैंक से कर्ज के लिए भी संपर्क साधा, लेकिन किन्ही वजहों से उसे कर्ज नहीं मिल पाया। परिवार वालों ने बताया कि परशुराम को फसल बर्बाद होने और बेटे की शादी की चिंता सता रही थी। इसी वजह से उसे दिल का दौरा पड़ा और उसकी मौत हो गई।
परशुराम के परिवार में उसकी पत्नी के अलावा धनीराम, कप्तान, पप्पू समेत पांच बेटे-बेटियां हैं। किसान की मौत की सूचना पर एसडीएम सुल्तान अशरफ सिद्दीकी, सीओ अवनीश्वर चंद्र श्रीवास्तव ने गांव पहुंचकर पीड़ित परिवार से जानकारी ली। एसडीएम ने बताया कि घरवालों को परिवारिक लाभ योजना के तहत 30 हजार रुपये की सहायता राशि दी जाएगी।