इससे छात्रों और शिक्षकों की दो साल का कोर्स बोर्ड परीक्षा के लिए तैयार करने की झंझट खत्म हो गई है। यूपी बोर्ड ने नया सिलेबस वेबसाइट पर अपलोड कर दिया है।
खास बात है कि नए शैक्षिक सत्र में जो नए छात्र 11वीं में दाखिले लेंगे वही अलग-अलग कोर्स पढ़ेंगे, पिछले साल जो छात्र दाखिले ले चुके हैं उन्हें पुराने कोर्स ही परीक्षा देनी होगी।
पिछली बार की तरह इस साल भी शैक्षिक सत्र एक अप्रैल से शुरू हो रहा है। परिषद ने 11वीं और 12वीं के सिलेबस में हिंदी साहित्य और हिन्दी सामान्य को अनिवार्य विषय के रूप में रखा है। इसके साथ ही स्टूडेंट्स को स्वैच्छिक रूप से चार विषयों को चुनने की छूट दी है।
कला वर्ग के विद्यार्थी हिंदी के अलावा इतिहास, नागरिक शास्त्र, गणित, अर्थशास्त्र, संगीत गायन, चित्रकला, भूगोल, कम्प्यूटर, गृहविज्ञान, कम्प्यूटर, सैन्य विज्ञान, मानव विज्ञान, काष्ठ कला सैन्य विज्ञान समेत 18 विषयों में चार मनचाहे सब्जेक्ट चुन सकते हैं।
साइंस वर्ग के स्टूडेंट्स भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान, गणित, रसायन विज्ञान, कम्प्यूटर, मानव विज्ञान समेत सात सब्जेक्ट में अपने पंसदीदा विषय ले सकते हैं। वहीं कॉमर्स वर्ग के विद्यार्थी बहीखाता, व्यापारिक संगठन, अर्थशास्त्र, वाणिज्य भूगोल, औद्योगिक संगठन, कम्प्यूटर, बीमा सिद्धांत एवं व्यवहार में कोई चार विषय चुन सकते हैं।
इसके साथ ही कला वर्ग के विद्यार्थी एक विषय के रूप में कोई के अन्य भाषा जैसे कन्नड़, कश्मीरी, सिंधी, तमिल, गुजराती, पंजाबी, बंगला, मराठी, असमी, उड़िया आदि भाषा को अपने सिलेबस में शामिल कर सकते हैं।
इसके अलावा स्टूडेंट्स आधुनिक विदेशी भाषा अंग्रेजी, संस्कृत, पाली, अरबी और फारसी को वैकल्पिक विषय के रूप में चुन सकते हैं। वहीं स्टूडेंट्स समाजशास्त्र, मानव विज्ञान, संगीत गायन और वादन, सैन्य विज्ञान, शिक्षा शास्त्र, रंजनकला, जीव विज्ञान, बहीखाता, लेखा शास्त्र, औद्योगिक संगठन, अर्थशास्त्र, भूगोल, मैथ, साइंस, बीमा, सहकारिता, टंकण, हिन्दी एवं अंग्रेजी, इम्ब्राइडरी, हैंड ब्लॉक प्रिटिंग, मेटल क्राफ्ट, कम्प्यूटर, सुरक्षा, मोबाइल रिपेयरिंग, टूरिज्म एवं हॉस्पिटैलिटी, आईटी और आईटीईएस समेत 99 विषयों में सब्जेक्ट सलेक्ट कर सकते हैं।
इसके साथ ही परिषद ने बाध्यता रखी है कि कोई भी छात्र दो भाषाओं से अधिक नहीं ले सकता है। वहीं शिक्षाविदों के मुताबिक, इंटरमीडिएट में 11वीं और 12वीं के कोर्स अलग होने से शिक्षक को पढ़ाने में और छात्रों को तैयारी करने में आसानी होगी।