लखनऊ, 30 जून (आईएएनएस)। लोकसभा चुनाव में आए खराब परिणाम के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) अब नये रंग रोगन के साथ नजर आने की तैयारी कर रही है। उपचुनाव से पहले सपा के अनुसांगिक संगठनों को धार देकर मैदान में उतारा जाएगा।
ऐसा माना जा रहा है कि परिवार समेत विदेश गए अखिलेश यादव जुलाई के पहले सप्ताह में वापस आ जाएंगे। इसी के बाद संगठन में बदलाव की प्रक्रिया शुरू होगी। यह बदलाव 12 सीटों पर होने वाले उपचुनावों से पहले कर लिए जाएंगे। पार्टी को बिल्कुल नया स्वरूप दिया जायेगा। सपा के एक कार्यकर्ता ने नाम न छपने की शर्त पर बताया कि सपा में अभी उपचुनाव लड़ने वाले प्रत्याशियों के नाम मांगे जा रहे है। संगठन के पुराने, वफादार और जिताऊ कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाएगा।
उन्होंने बताया, “बसपा से गठबंधन टूटने के बाद नेता जी (मुलायम सिंह) के जमाने जैसा संगठन बनाने का प्रयास किया जा रहा है। हो सकता है कि सभी इकाइयों के अध्यक्ष का भी नये सिरे चयन हो। राष्ट्रीय अध्यक्ष के आने पर ही विचार किया जाएगा। सपा से बगावत कर नई पार्टी प्रसपा बनाने वाले शिवपाल यादव के सपा में आने पर अभी संशय है।”
उन्होंने बताया, “कार्यकर्ताओं व संगठन के बीच संवाद का अभाव रहा। इस कमी को दूर करने के लिए ऊपर से नीचे तक संगठन में बदलाव कर उसे और गतिशील बनाया जाएगा। युवा संगठनों में नए नेताओं को जिम्मेदारी दी जाएगी।”
समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य राजपाल कश्यप ने कहा, “समाजवादी पार्टी उपचुनाव पूरे दमखम के साथ लड़ेगी। जनता प्रदेश सरकार से नाराज है। इसका फायदा सपा को ही होगा। पार्टी उपचुनाव को लेकर सपा बूथ स्तर तक के कार्यकर्ताओं से संवाद कर रही है। राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वयं एक-एक कार्यकर्ता से फीड बैक ले रहे हैं।”
सूत्रों की मानें तो प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल की जगह किसी और नेता को प्रदेश में संगठन की जिम्मेदारी दी जा सकती है। पटेल को कोई और जिम्मेदारी दी जा सकती है। मोचोर्ं व प्रकोष्ठों में भी नए चेहरे सामने लाए जाएंगे। बदलाव का क्रम ऊपर से नीचे तक चलेगा।