लखनऊ , 16 अक्टूबर – उत्तर प्रदेश में निर्धारित से अधिक डेसीबल के पटाखे का इस्तेमाल करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का फैसला किया गया है। उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इस पर लगाम लगाने के लिए ऐसा आदेश जारी किया है। उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने अपने सभी क्षेत्रीय कार्यालयों को आदेश दिया है कि वे बाजार में आने वाले पटाखों की जांच के लिए राज्यभर में अभियान चलाएं और तेज आवाज वाले पटाखों को जब्त करें।
उप्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव जे.एस. यादव ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि अधिकारियों को साथ ही यह भी निर्देशित किया गया है की वे जिला अधिकारियों की सहायता से यह सुनिश्चित करें कि घनी आबादी वाले इलाकों में पटाखों का भंडारण न किया जाए।
सत्या फाउंडेशन द्वारा ध्वनि प्रदूषण के खिलाफ पिछले छह वषों से भी अधिक समय से अभियान चलाया जा रहा है। फाउंडेशन के प्रयास से इस वर्ष भी उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इसे गंभीरता से लेते हुए यह दिशा निर्देश जारी किया है।
फाउंडेशन के सचिव चेतन उपाध्याय ने बताया कि 35-40 डेसीबल की ध्वनि व्यक्ति के लिए अनुकूल होती है, जबकि बाजार में उपलब्ध तमाम पटाखे इससे कहीं अधिक ध्वनि वाले होते हैं।
उन्होंने कहा कि एक तरफ स्कूल-कालेज में कार्यक्रम और टीवी-रेडियो के माध्यम से आमजन को पटाखों के खिलाफ जागरूक किया जाता है, वहीं दूसरी ओर तेज आवाज वाले पटाखे बाजार में बिकते रहते हैं जिनकी वजह से नवजात शिशुओं, गर्भवती महिलाओं, वृद्घों और मरीजों को असहनीय कष्ट होता है।
उन्होंने बताया कि फाउंडेशन ने 10 अक्टूबर को लखनऊ के उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सदस्य सचिव से मुलाकात करके ज्ञापन सौंपा था और आग्रह किया था कि इसे लेकर एक प्रदेश-व्यापी अभियान चलाया जाए।