दो मुंह वाले इस बछड़े के जन्म की जैसे ही खबर गांव के लोगों से होते हुए आसपास के क्षेत्र में फैल गई। जैसे-जैसे लोगों को इस अद्भुत बछड़े की जानकारी हुई, वैसे-वैसे लोग बछड़े को भगवान की लीला मानते हुए उसे देखने पहुंचे। वहां मौजूद जिस किसी ने भी इस अद्भुत बछड़े को देखा उसी ने ही इसे आस्था तो कई ने भगवान की आस्था से जोड़ते हुए पूजा-अर्चना शुरू कर दी।
देखते ही देखते मौके पर हजारों लोगों का हूजूम लग गया। बछड़ा जीवित देख किसी ने आरती लगाकर पूजा की तो किसी ने चढ़ावा और तो और कई लोगों ने दान भी दिया। फिलहाल समाचार लिखे जाने तक यह क्रम चल रहा था।