हरियांवा थाना क्षेत्र के उमरसेड़ा सरैयां निवासी नरसिंह का 6 वर्षीय पुत्र गांव के ही प्राथमिक विद्यालय में कक्षा एक की पढ़ाई करता था। वह करीब दस दिन पहले अपनी चाची अनीता पत्नी जयसिंह के साथ अनीता के पिता जोगराज के घर हरपालपुर थाना क्षेत्र के नगरा दारासाह गया हुआ था। जयसिंह दिल्ली में रहकर काम करता है और उसकी शादी दो साल पहले ही हुयी है और अभी तक कोई संतान नहीं है। जयसिंह रविवार को ही दिल्ली से अपनी ससुराल पहुंचा था।
नरसिंह ने बताया कि उसको रविवार की शाम 7 बजे जानकारी मिली की उसका पुत्र कहीं गायब हो गया है। वह अपने रिश्तेदारों को साथ लेकर पुत्र की तलाश के लिए रात करीब दस बजे नगरा दारासाह पहुंचा, जहां उसे गांव के ही एक युवक ने बताया कि सरसों के खेत में उसके पुत्र का शव पड़ा है। उसे उसके चाचा ने मार दिया है और चाचा को ग्रामीणों ने बांध रखा है।
वह जब मौके पर पहुंचा, उसके कुछ समय बाद ही हरपालपुर पुलिस भी पहुंच गई और जयसिंह को लेकर कोतवाली चली गई। नरसिंह ने किसी भी रंजिश से इन्कार करते हुए बताया कि आखिर उसके ही सगे भाई ने क्यों उसके पुत्र को मार दिया, यह बात वह स्वयं नहीं जानता।
पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराया है। घटना से परिजनों में कोहराम मचा है। नरसिंह के एक पुत्री रूबी (8) व एक पुत्र रुकुम (3) है। नरसिंह दो ही भाई हैं और खेती बाड़ी करके अपने परिवार का भरण-पोषण करते हैं।
नरसिंह ने बताया कि जब पुलिस को जानकारी मिल गई थी कि बालक की हत्या हुई है और वह मौके पर पहुंची, लेकिन उसने शव को कब्जे में लेने के बजाय आरोपी को बैठाया और कोतवाली लेकर चले गए। शव वहीं पड़ा रहा और कोई भी ग्रामीण शव उठवाने में साथ नहीं आया।
जब वह खुद अपने रिश्तेदारों के साथ शव लेकर हरदोई को चला तब ग्राम के प्रधान ने कोतवाली के सामने वाहन रुकवाकर शव पुलिस के पास ले गए और कुछ देर बाद पुलिस ने कहा कि शव को जहां ले जाना है ले जाओ।
हरपालपुर थाना क्षेत्र में मासूम बालक की हुई हत्या की जानकारी एसपी को मीडिया सोशल मीडिया के द्वारा लगी, लेकिन कोतवाल ने अपने उच्च अधिकारियों तक जानकारी नहीं पहुंचाई।
इस मामले में एसपी उमेश कुमार सिंह ने कड़ा रुख अपनाया और कोतवाल को फटकार भी लगाई है।