एडीजीसी श्रीपाल जायसवाल ने बताया कि 31 दिसंबर, 2013 की सुबह मोहम्मदी थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाले दो युवकों मुकेश और निरोध ने शौच को गई एक किशोरी से दुष्कर्म किया और गला दबाकर हत्या कर दी थी। उन्होंने कहा कि जब काफी देर तक किशोरी वापस नहीं आई तो पीड़ित पिता और चाचा उसे ढूढ़ने निकले। गांव के बाहर एक गन्ने के खेत से उन्होंने मुकेश और निरोध को बाहर निकल कर भागते हुए देखा। पीड़ित पिता ने खेत में देखा तो वहां किशोरी नग्न अवस्था में मृत पड़ी थी। उसके गले में सलवार का नाड़ा कसा हुआ था।
किशोरी की मां ने मामले की रिपोर्ट थाना मोहम्मदी में दर्ज कराई। आरोपपत्र दाखिल होने के बाद एडीजे प्रथम विनोद कुमार की अदालत में मामले की सुनवाई हुई। अभियोजन पक्ष ने मामले को साबित करने के लिए मृतका की मां, पिता, भाई, डॉ. मीरा वर्मा, प्रभारी निरीक्षक चंद्रभान सिंह समेत नौ गवाहों को पेश किया।
कोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद दोनों आरोपियों को सामूहिक दुराचार और हत्या का दोषी करार दिया। एडीजे विनोद कुमार ने दोनों को आजीवन कारावास समेत एक-एक लाख जुर्माने की सजा सुनाते हुए जेल भेज दिया।