दोनों बदमाशों के पास से एक पिस्टल 30 बोर तीन जिंदा कारतूस, एक पिस्टल 32 बोर, चार जिंदा कारतूस और 2100 रुपये बरामद हुए हैं। दोनों ने अनिल दुजाना व रणदीप भाटी की गिरफ्तारी के बाद रिठौरी गैंग बनाया था। इनकी मद्द कुख्यात अपराधी अमित कसाना व योगेश भाटी कर रहे थे।
एसटीएफ (पश्चिमी) के अपर पुलिस अधीक्षक राजीव नारायण मिश्र ने शुक्रवार को बताया कि एसटीएफ को खबर मिली कि लाख रुपये का कुख्यात इनामी कुलवीर भाटी निवासी निवासी ग्राम रिठौरी थाना दादरी अपने साथी के साथ जनपद में ही मौजूद है, जो अपने साथियों के साथ मिल किसी बड़ी वारदात को अंजाम देना चाहता है।
टीम ने जनपद पुलिस को भी इसकी जानकारी दी। इसी दौरान गुरूवार शाम मुखबिर से खबर मिली कि कुलवीर अपने साथी वीरेंद्र भाटी के साथ थाना दादरी क्षेत्र के ग्राम रिठौरी मौजूद है। इस सूचना पर एसटीएफ तथा जनपद पुलिस की संयुक्त टीम ने ग्राम रिठौरी की घेराबंदी की और मुठभेड़ में इनामी कुलवीर भाटी और उसके साथी वीरेंद्र भाटी को गिरफ्तार कर लिया गया।
पूछताछ पर बदमाश कुलवीर भाटी ने बताया कि अनिल दुजाना व रणदीप भाटी की गिरफ्तारी के बाद रिठौरी गैंग के संचालन की जिम्मेदारी उसने संभाली थी। इसमें उसका सहयोग कुख्यात अपराधी अमित कसाना व योगेश भाटी कर रहे थे।
वर्ष 2012 में चमन भाटी की हत्या में वह वांछित चल रहा था। फरारी के दौरान उसने गैंग बनाया और अवैध खनन, रंगदारी वसूलने, बड़े ठेकेदारों व पेरीफेरल रोड के निर्माण में लगे ठेकेदारों को डरा-धमकाकर धन उगाही की।
अपर पुलिस अधीक्षक ने बताया कि कुलवीर भाटी एक कुख्यात शातिर अपराधी है, जिसके विरुद्ध जघन्य, सनसनीखेज अपराधिक घटनाओं से संबंधित विभिन्न थानों में 11 मामले दर्ज हैं। यह अपराधी तीन अन्य अघन्य अपराधों में वांछित था, जिस कारण इस अपराधी की गिरफ्तारी पर उत्तर प्रदेश शासन द्वारा 1,00,000 रुपये का पुरस्कार घोषित किया गया था।