मौलाना सैयद कलबे आबिद मरहूम की 86 वर्षीय बहन मरजिया शम्सी और मौलाना कलबे जव्वाद नकवी की पत्नी यहां एक दिन के लिए महिलाओं को प्रोत्साहित करने और हिम्मत बढ़ाने के उद्देश्य हड़ताल में शामिल हुईं। भूख हड़ताल में लखनऊ की महिलाएं बड़ी संख्या में छोटे इमामबाड़े में पहुंचीं और उन्होंने सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
इस अवसर पर मरजिया शम्सी ने कहा, “हम वक्फ सुरक्षा के लिए आए हैं, क्योंकि इमाम की संपत्तियां लुट रही हैं और हम इसे लुटता हुआ नहीं देख सकते। यह हमारा राष्ट्रीय कर्तव्य है। मेरे भाई मौलाना कल्बे आबिद ने अजादारी और वक्फ की हिफाजत के लिए आंदोलन शुरू किया था और मेरा बेटा इस आंदोलन को आगे बढ़ा रहा है। मैं भी उसके समर्थन में आगे आई हूं।”
इस अवसर पर शबी फातिमा ने कहा कि जो लोग कह रहे हैं कि मौलाना कलबे जव्वाद जांच से बचने के लिए यह सब करवा रहे हैं, वह पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखें।
उन्होंने कहा कि शिया कॉलेज में उनके घोटालों के बारे में पूरी कौम जानती है और जब उन पर मुसीबत पड़ती है, तो वह भी मौलाना कलबे जव्वाद को ही याद करते हैं। मौलाना कलबे जव्वाद अगर जांच से बचना चाहते तो कभी वक्फ संपत्तियों की सीबीआई जांच की मांग न कर रहे होते।
उन्होंने कहा कि सरकार के खरीदे हुए मौलवी ऐसे बयान न दें, जिससे कौम का अपमान हो। कौम सब जानती है कि कौन कैसा है।
मंच के सदस्यांे ने बताया कि भूख हड़ताल में शामिल महिलाओं की हालत बिगड़ने पर उन्हें ग्लूकोज चढ़ाया गया।