ठाकुर ने अपनी याचिका में कहा है कि श्री महरोत्रा ने एक्ट की धारा 9(2), 9(3), 9(5) तथा 8(1) तथा शिकायत नियमावली के नियम 5 के विधिक प्रावधानों के विपरीत यह शिकायत धारा 10(1)(क) में अन्वेषण के लिए ग्रहण कर लिया है, जबकि गलत हलफनामा और बिना सत्यापन के दिए गए इस परिवाद की वह जांच कर ही नहीं सकते थे।
याचिका में कहा गया है कि महरोत्रा याचिकाकर्ता अमिताभ ठाकुर की पत्नी डॉ. नूतन ठाकुर और मां-पिता के सिविल मामलों में लोकायुक्त एक्ट की धारा 8(4) के खिलाफ जाकर हस्तक्षेप कर रहे हैं और वह नूतन ठाकुर द्वारा उनके समक्ष मंत्री गायत्री प्रजापति और आजम खां मामलों में दायर शिकायत और लोकायुक्त द्वारा सरकारी हेलीकॉप्टर की निजी यात्रा में दुरुपयोग की शिकायत से उत्पन्न व्यक्तिगत नाराजगी के चलते ऐसा कर रहे हैं।
इस आधार पर अमिताभ ने हाईकोर्ट से विधिविरुद्ध जांच को रोके जाने और लोकायुक्त को कानून की परिधि में जांच करने के निर्देश देने की प्रार्थना की है।