मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को भेजे अपने पत्र में ठाकुर ने कहा कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनकी पत्नी सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. नूतन ठाकुर की पीआईएल पर 16 जुलाई को मामले के व्यक्तिगत भ्रष्टाचार से कहीं आगे बढ़कर राज्य सत्ता में बैठे लोगों के संरक्षण में भ्रष्टाचार का उदाहरण मानते हुए सीबीआई जांच के आदेश दिए जिस पर कार्यवाही भी शुरू हो गई है। अब सरकार ने तकनीकी पहलुओं के आधार पर सीबीआई जांच रुकवाने के लिए याचिका किस मकसद से दायर की है।
आईपीएस अमिताभ ने कहा है कि इस याचिका पर सुनवाई के क्रम में बड़े-बड़े अधिवक्ताओं पर लाखों रुपये खर्च होंगे, जो राजकोष का अपव्यय है। इसलिए तत्काल इस प्रक्रिया को रोकी जाए और सीबीआई जांच होने दिया जाए।
उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार कर धनकुबेर बने यादव सिंह के खिलाफ सीबीआई जांच रुकवाने के लिए दायर इस गैर-जरूरी याचिका पर होने वाले अपव्यय की जिम्मेदारी तय करवाने के लिए वह निकट भविष्य में एक याचिका दायर करेंगे।