लखनऊ, 12 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ़ पार्टी के प्रमुख को फोन पर धमकाने का आरोपी बनाने में कामयाब आईपीएस अधिकारी (निलंबित) अमिताभ ठाकुर के खिलाफ विभागीय जांच में प्रदेश सरकार ने कई नए साक्ष्यों और गवाहों को शामिल किया है।
अखिलेश यादव सरकार सामाजिक कार्यकर्ता की तरह काम करने वाले आईपीएस अमिताभ को सबक सिखाने के लिए पूरी तरह कमर कस चुकी है। सरकार ने अमिताभ ठाकुर के खिलाफ गवाही देने के लिए 10 आईपीएस और 3 आईएएस अधिकारियों को राजी कर लिया है। साथ ही जांच में अब दस्तावेजी सबूतों की संख्या 18 से बढ़कर 39 हो गई है।
जांच के सिलसिले में प्रमुख सचिव (गृह) देवाशीष पंडा ने अमिताभ ठाकुर को जो पत्र भेजा है, उसमें आरोपों के समर्थन में गवाहों और लिखित साक्ष्य में संशोधन का हवाला दिया गया है।
इसके अनुसार अमिताभ के खिलाफ पेश आरोपपत्र में पहले जहां कुल 18 अभिलेखीय साक्ष्य और पांच गवाह थे, वहीं इस नए आदेश के बाद 39 अभिलेखीय साक्ष्य और 20 गवाह हो गए हैं।
उल्लेखनीय है कि आईपीएस अमिताभ काफी जद्दोजहद के बाद मुलायम सिंह यादव के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने में कामयाब हुए। अपनी सफाई में मुलायम ने कहा है कि उन्होंने अमिताभ को धमकाया नहीं, बल्कि समझाया था। यह तय है कि अमिताभ को उत्तर प्रदेश की सत्ता से लोहा लेना महंगा पड़ेगा।