मेरठ जोन की डीआईजी लक्ष्मी सिंह ने बताया कि गाड़ी चोरी में शामिल सात बदमाशों को गिरफ्तार कर उनके कब्जे से चोरी की तीन गाड़ियां बरामद की गई हैं। बरामद गाड़ियों में दो सफारी व एक बीट गाड़ी शामिल है।
बदमाशों से गाड़ी की चोरी में प्रयोग होने वाले उपकरण भी बरामद किए गए हैं। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, पकड़े गए दिनेश, दीपक, राजू, राजवीर, प्रवीण, मंतोष, दीपांकर लंबे समय से दिल्ली एनसीआर में चोरी की वारदातों को अंजाम दे रहे थे।
इनका जाल असम, नागालैंड, पश्चिम बंगाल और बिहार तक फैला हुआ था, जहां ये चोरी की हुई गाड़ियों को ठिकाना लगाते थे।
गिरफ्तार बदमाशों में से एक दीपांकर सरकार का काम चोरी की गाड़ियों के फर्जी पेपर तैयार करना था। पेपर तैयार होते ही ये चोरी की गाड़ियों को दूर-दराज के इलाकों में बेच दिया करते थे। आईजी की गाड़ी को चोरी कर इन्होंने संभल में एकांत में रखा हुआ था।
गौरतलब है कि आईजी की नीली बत्ती वाली गाड़ी चोरी होने पर काफी बवाल मचा हुआ था। अब मामला ठंडा पड़ने की बात सोचकर बदमाश आईजी की नीली बत्ती वाली गाड़ी को सिलीगुड़ी बेचने के फिराक में थे। इससे पहले वे अपने मंसूबे में कामयाब होते कि दबोच लिए गए।