लखनऊ, 9 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी डॉ़ सूर्य प्रताप सिंह को प्रदेश में चल रहा नई किस्म का समाजवाद रास नहीं आ रहा है। व्यवस्था में आई खामियों से वह बेहद चिंतित हैं और इसके खिलाफ पश्चिमी उप्र में छोटी बैठकों के बाद अब बड़ी सभाएं करने की तैयारी में हैं, जिसकी शुरुआत वह अलीगढ़ से नौ अगस्त को करेंगे।
लखनऊ, 9 अगस्त (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी डॉ़ सूर्य प्रताप सिंह को प्रदेश में चल रहा नई किस्म का समाजवाद रास नहीं आ रहा है। व्यवस्था में आई खामियों से वह बेहद चिंतित हैं और इसके खिलाफ पश्चिमी उप्र में छोटी बैठकों के बाद अब बड़ी सभाएं करने की तैयारी में हैं, जिसकी शुरुआत वह अलीगढ़ से नौ अगस्त को करेंगे।
वह एक सप्ताह के भीतर ही मेरठ, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर, हापुड़ तथा सहारनपुर में कई कार्यक्रम करने की तैयारी में हैं। इन कार्यक्रमों के जरिए वह लोगों को व्यवस्था की खामियों के प्रति जागरूक करने की कोशिश करेंगे।
पश्चिमी उप्र में जन-चौपालों का आयोजन वोलंटरी एक्शन फॉर सोशल ट्रांसफॉर्मेशन (वास्ट) नाम की संस्था कर रही है और सूर्य प्रताप इसके संरक्षक हैं।
पश्चिमी उप्र में अपने कार्यक्रम के बारे में आईएएस ने आईएएनएस को बताया कि अभी तक छोटे आयोजन होते थे। अब बड़ी सभाएं की जाएंगी। अलीगढ़ में भी करीब 4,000 लोग आएंगे। कुछ दूसरे जिलों में भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा, “हम व्यवस्था में आई खामियों के खिलाफ लोगों को एकजुट कर रहे हैं। हर जिले की पांच स्थानीय समस्याओं को इन जन-चौपालों के माध्यम से उठाया जाएगा। अलीगढ़ के बरौला बाईपास स्थित साईं मुस्कान गार्डन में एक गोष्ठी भी आयोजित की जाएगी।”
डॉ़ सूर्य प्रताप ने कहा, “हम ऐसे कार्यक्रमों के जरिए एक ऐसा प्लेटफॉर्म तैयार करना चाहते हैं, जो जनता को जात-पात व धर्म से ऊपर उठकर सर्वजन हिताय के बारे में सोचने व निष्ठावान नागरिकों को अपना प्रतिनिधि चुनने के लिए तैयार कर सके। ज्यादातर कार्यक्रम सप्ताह में दो दिन शनिवार एवं रविवार को ही आयोजित किए जाते हैं।”
आईएएस अधिकारी ने सामाजिक असंतोष को एक जनसेवक के रूप में मुखर करने का बीड़ा उठाया है। चाहे नकल माफिया के खिलाफ अभियान हो या किसानों के लिए ओलावृष्टि का मुआवजा व गन्ना मूल्य के भुगतान का मुद्दा, वह सामाजिक कार्यकर्ता की तरह लोगों को अपने अधिकारों के प्रति सजग करने में जुटे हैं।
बिजली मूल्य में 70 फीसद की वृद्धि, भ्रष्टाचार व वीआईपी जिलों में बिजली चोरी, लोकसेवा आयोग के अध्यक्ष अनिल यादव पर भ्रष्टाचार व अन्य भर्ती आयोगों में एक ही जाति के अध्यक्षों की नियम विरुद्ध तैनाती व भर्तियों में धांधली जैसे मुद्दे भी वह उठा चुके हैं।
इस समय वह 75 जिलों के दौरे पर हैं। वह बताते हैं कि यह उनका गैर राजनीतिक व स्वैच्छिक कार्यक्रम है, जिसका मकसद लोगों के बीच जाकर समस्याओं का समाधान खोजना है।
उल्लेखनीय है कि आईएएस सूर्य प्रताप स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की अर्जी दे चुके हैं, लेकिन सरकार ने अभी उनकी अर्जी मंजूर नहीं की है।