हैरानी वाली बात है कि शहर के अन्दर एक मकान के तहखाने में काफी अर्से से अवैध असलहों का व्यापार संचालित होता रहा और पुलिस तथा उनकी गुप्तचर एजेंसियों के साथ ही एसओजी टीम को इसकी भनक तक नहीं लग सकी।
पुलिस अधीक्षक अनीस अहमद अंसारी ने बताया कि उन्हें सूचना मिली थी कि कई जगहों पर अवैध असलहों की सप्लाई हो रही है। इसके लिए अपर पुलिस अधीक्षक आरपी सिंह, क्षेत्राधिकारी वंदना सिंह और क्राइम ब्रान्च को लगाया गया था।
पुलिस अधिकारियों के चलाये गये मिशन पर रविवार को सदर कोतवाली क्षेत्र के जोनिहां चैराहा के निकट 50 नम्बर गेट पुल के नीचे अवैध असलहा बनाने वाले कारखाने पर पुलिस टीम ने छापा मारा। इस दौरान पुलिस को बने हुये 6 तमंचा 315 बोर, एक रायफल 315 बोर, 11 अदद अर्धनिर्मित लोहे की नाल, बिल्डिंग मशीन, इलेक्ट्रानिक ग्राइन्डर सहित भारी मात्रा में असलहा बनाने में प्रयुक्त समान बरामद किया।
छापे के दौरान पकड़े गये अभियुक्तों में असलहा मिस्त्री नरेश विश्वकर्मा निवासी जयरामनगर कोतवाली व सप्लायर रामनरेश मौर्य निवासी नयापुरवा थाना थरियांव, खरीददार सोनू सिंह निवासी कुसुम्भी थाना असोथर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि काफी दिनों से पुलिस को सूचना मिल रही थी कि सदर कोतवाली क्षेत्र के जोनिहा चैराहे के पास से खरीद फरोख्त होती है। वहीं पर असलहा बनाने का कारोबार भी फल फूल रहा है। जिसके लिए टीम गठित करके लगायी गयी थी।
उन्होंने बताया कि असलहा के सौदागर पूरे जिले को जुर्म की ओर ढकेलने का काम कर रहे थे। तमंचे बनाकर जनपद से बाहर बांदा, कानपुर, कौशाम्बी तक में पिछले छ: वर्षो से सप्लाई की जा रही थी। एसपी ने कहा कि पंचायत चुनाव में खपत करने के लिए नरेश विश्वकर्मा दिन रात अपने घर के तहखाने में कारखाना लगाकर सुनियोजित ढंग से तमंचे बनाने का कार्य कर रहा था।