अभियोजन के मुताबिक, दुबहर थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी वादी के पिता ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराया था कि 12 जुलाई 2012 को सुबह सात बजे घर से शहीद मंगल पाण्डेय इंटर कालेज नगवां में टीसी लेने उसकी पुत्री गई थी, जो स्कूल से वापस नहीं लौटी। 8 सितंबर 2012 को वह बलिया रेलवे स्टेशन पर मिली।
युवती ने बताया कि पसन दूबे ने उसे अगवा करने के बाद शादी का झांसा देकर जबरिया दुष्कर्म करता रहा। किसी तरह वह उसके चंगुल से निकली। इधर, पुलिस ने विवेचना करते समय मेंहदी हसन व बब्लू हसन को अगवा करने के मामले में आरोपी बनाया था।
अब सुनवाई करते हुए न्यायालय ने पसन दूबे को दुष्कर्म व अगवा करने के जुर्म में आजीवन कारावास की सजा सुनाई, जबकि मेंहदी व बब्लू को अगवा करने के जुर्म में सात-सात साल कैद व तीन हजार रुपये अर्थदंड सुनाया।