लखनऊ, 19 नवंबर (आईएएनएस)। लोगों को रास्ता देने के लिए लखनऊ स्थित अंबेडकर स्मारक (पार्क) की एक दीवार तोड़े जाने से उत्तर प्रदेश की राजधानी की सियासत गरमा गई है। इसके विरोध में स्वामी प्रसाद मौर्य और नसीमुद्दीन सिद्दीकी समेत बसपा के कई नेता गुरुवार को धरने पर बैठ गए। बसपा नेताओं ने अखिलेश सरकार पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया है।
लखनऊ, 19 नवंबर (आईएएनएस)। लोगों को रास्ता देने के लिए लखनऊ स्थित अंबेडकर स्मारक (पार्क) की एक दीवार तोड़े जाने से उत्तर प्रदेश की राजधानी की सियासत गरमा गई है। इसके विरोध में स्वामी प्रसाद मौर्य और नसीमुद्दीन सिद्दीकी समेत बसपा के कई नेता गुरुवार को धरने पर बैठ गए। बसपा नेताओं ने अखिलेश सरकार पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया है।
स्वामी प्रसाद मौर्य का कहना है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उन्हें आश्वासन दिया था कि दीवार नहीं तोड़ी जाएगी, फिर भी बुधवार की रात दीवार ढहा दी गई।
उन्होंने मुख्यमंत्री और उनकी सरकार को दलित विरोधी बताते हुए कहा कि बसपा इसके खिलाफ आंदोलन करेगी।
अंबेडकर स्मारक की इस दीवार के कारण गोमतीनगर स्थित सृजन विहार कलोनी के निवासियों का रास्ता बाधित हो गया था। लोगों को जनेश्वर मिश्र पार्क की ओर से आना जाना पड़ता था। इस समस्या के निदान के लिए कलोनी के निवासियों ने अदालत की भी शरण ली थी।
बताया जाता है कि अदालत से आदेश मिलने के बाद बुधवार की रात पार्क की दीवार तोड़ दी गई। अब वहां एक चौड़ी सड़क बनेगी। ताज होटल के सामने से पुल के नीचे होते हुए यह सड़क सीधे जनेश्वर मिश्र पार्क जाएगी। इससे उस क्षेत्र के रहने वालों को बड़ी राहत मिलेगी।