नई दिल्ली, 19 अप्रैल (आईएएनएस)। भारतीय उद्योग जगत ने रविवार को ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए मांग और आपूर्ति पक्ष को प्रोत्साहित करने का आह्वान किया।
फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (फिक्की) और वैश्विक लेखाकार कंपनी अर्नेस्ट एंड यंग (ईऐंडवाई) की साझा रपट में अन्य सुझावों सहित उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक को मानद निर्यात दर्जा देने और विभिन्न देशों में व्यापार समझौते के विस्तार के सुझाव दिए हैं।
उद्योग मंडल ने यहां जारी बयान में कहा है, “फिक्की-ईवाई रपट में वस्तुओं पर सरकारी योजनाओं का विस्तार और विभिन्न करों में सुधार के सुझाव शामिल हैं। जैसे उत्पाद शुल्क को 12 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत किया जाए। सामानों की अंतर्राज्यीय खरीदारी के लिए केंद्रीय बिक्री कर (सीएसटी) में छूट और निश्चित सामानों पर सीमा शुल्क में कटौती प्रमुख हैं।
फिक्की इलेक्ट्रॉनिक्स एंड व्हाइट गुड्स मैन्यूफैक्चरिंग समिति के अध्यक्ष सोम मित्तल ने कहा, “हमारे पास मजबूत विनिर्माण के लिए बढ़िया अवसर है। हालांकि इसे वास्तविकता में बदलने के लिए इन सुझावों को तेजी से लागू करना होगा।”
रपट के मुताबिक, घरेलू सामानों का औसत स्थानीयकरण स्तर 30 से 40 प्रतिशत के आसपास है।