केंद्र सरकार, उत्तर प्रदेश सरकार और उत्तर प्रदेश ऊर्जा निगम लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने उत्तर प्रदेश डिस्कॉम्स (दक्षिणाचंल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, कानपुर इलेक्ट्रिक सप्लाई कंपनी लिमिटेड, मध्यांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड) की ओर से ‘उदय’: ‘उज्जवल डिस्कॉम एश्योरेंस योजना’ के तहत एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं।
डिस्कॉम्स का परिचालन और वित्तीय स्थिति सुधारने के लिए इस एमओयू पर केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) पीयूष गोयल और प्रमुख सचिव ऊर्जा उ.प्र.संजय अग्रवाल ने हस्ताक्षर किए। उप्र से पहले राजस्थान, छत्तीसगढ़ और झारखंड भी ‘उदय’ योजना में शमिल हो चुके है।
इस वक्त देश में वितरण कंपनियां कर्ज के भारी बोझ से जूझ रही हैं। बीते 30 सितंबर तक डिस्कॉम्स का बकाया ऋण 4.3 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया था। जिसे देखते हुए केंद्र सरकार ने राज्य सरकारों, डिस्कॉम्स और कर्जदाताओं के साथ विचार-विमर्श की एक लंबी प्रक्रिया के बाद 20 नवंबर को ‘उदय’ की शुरुआत की थी। ‘उदय’ का उद्देश्य कर्ज में डूबी वितरण कंपनियों की वित्तीय स्थिरता के लिए स्थायी समाधान निकालना और उनकी परिचालन क्षमता में सुधार लाना है।
इस एमओयू पर हस्ताक्षर होने का सबसे बड़ा लाभ उत्तर प्रदेश के लोगों को होगा। डिस्कॉम्स द्वारा बिजली की उच्च मांग का अर्थ उत्पादन इकाइयों में अधिक पीएलएफ से होगा और ऐसा इसलिए कि बिजली की प्रति यूनिट की कम लागत का लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा। डिस्कॉम्स एटीएंडसी नुकसान वाले क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति में वृद्धि करेगा।
इस योजना से उत्तर प्रदेश में अब भी बिजली से महरूम लगभग 490 गांवों और 143.54 लाख घरों को त्वरित बिजली उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। अभी तक बिजली से दूर गांवों, परिवारों को चैबीसों घंटे बिजली की आपूर्ति से अर्थव्यवस्था को बल और उद्योगों को बढ़ावा मिलेगा।
यही नहीं समझौता ज्ञापन के तहत उत्तर प्रदेश सरकार डिस्कॉम के कर्ज से 39,900 करोड़ रुपये वहन करेगी। यह योजना में परिकल्पित डिस्कॉम्स के 30 सितंबर 2015 तक के कुल कर्ज 53,200 करोड़ रुपये का 75 फीसदी है। योजना में 13,300 करोड़ रुपये के संतुलन कर्ज का प्रावधान भी है। राज्य की गारंटी वाले डिस्कॉम बांड के रूप में मौजूदा ब्याज दरों की तुलना में करीब 3 प्रतिशत कम कूपन दरों पर इसकी कीमत फिर से तय अथवा निर्धारित की जानी है।
संतुलन कर्ज में ब्याज दरों में कमी और राज्य द्वारा कर्ज वहन किए जाने के कारण डिस्कॉम्स को ब्याज लागत में लगभग 1600 करोड़ रुपये वार्षिक की बचत होगी। इसके साथ ही ‘उदय’ के माध्यम से बदलाव की अवधि में ब्याज लागत में बचत करने, एटीएंडसी और ट्रांसमिशन नुकसान में कमी लाने, ऊर्जा दक्षता के उपायों को अपनाने और कोयला सुधार आदि से उत्तर प्रदेश को लगभग 33,000 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ प्राप्त होगा।
इसके अलावा ‘उदय’ का जोर डिस्कॉम्स की परिचालन क्षमता में सुधार लाने पर होगा। बदलाव की प्रक्रिया के दौरान उत्तर प्रदेश और डिस्कॉम्स अनिवार्य फीडर और ट्रांसफामर्स मीटरों का वितरण, उपभोक्ता इंडेक्स एवं नुकसान की जीआईएस मैपिंग, ट्रांसफार्मरों को अपग्रेडध्बदलना, मीटर इत्यादि, बड़े ग्राहकों के लिए समार्ट मीटरिंग जैसे कदमों के जरिए परिचालन दक्षता लाने का प्रयास करेंगे। इससे पारेषण (ट्रांसमिशन) और एटीएंडसी के नुकसान को कम किया जा सकेगा।
इसके अलावा बिजली की आपूर्ति और वसूली के बीच के अंतर को समाप्त किया जा सकेगा। इस दौरान एटीएंडसी और पारेषण नुकसान में क्रमशरू 15 प्रतिशत और 3.95 प्रतिशत की कमी लाकर 17,700 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व जुटाया जा सकेगा।
वित्तीय और परिचालन दक्षता के माध्यम से वित्तीय बदलाव लाने से डिस्कॉम की रेटिंग में सुधार आयेगा, इससे भविष्य के पूंजी निवेश की आवश्यकता के लिए उसे सस्ता अनुदान जुटाने में मदद मिलेगी। इससे डिस्कॉम को लगभग 200 करोड़ रुपये की ब्याज लागत की बचत होने की उम्मीद है।
यही नहीं अन्य लाभों में कोयले की अदला बदली, कोयले का सुव्यवस्थीकरण, कोलग्रेड की गिरावट में सुधार, धुले कोयले की 100 प्रतिशत उपलब्धता भी राज्य को बिजली की लागत घटाने में मदद करेंगे। इन कोयला सुधारों से राज्य को 5,600 करोड़ रुपये अर्जित होंगे।
‘उदय’ के तहत ध्यान दिए जाने वाले बिंदुओं में से ऊर्जा दक्षता एक है। पीक लोड घटाने और ऊर्जा खपत को कम करने के लिए उत्तर प्रदेश,राज्य सरकार और डिस्कॉम्स ऊर्जा दक्षता वाले एलईडी बल्बों, कृषि पंपों, पंखों एवं एयर कंडीशनरों, कुशल औद्योगिक उपकरणों को पीएटी (परफार्म, एचीव, ट्रेड) के जरिए बढ़ावा देगी। इससे लगभग 3,500 करोड़ रुपये की बचत होने का अनुमान हैं।