प्योंगयांग, 11 नवंबर (आईएएनएस)। उत्तर कोरिया के एक व्यक्ति ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिग से अनुरोध किया है कि उसकी पत्नी और युवा बेटे को जबरन स्वदेश न लौटाया जाए। व्यक्ति का कहना है कि अगर उन्हें वापस भेजा जाता है तो उसका परिवार वहां उम्रकैद या मौत की सजा भुगतेगा।
बीबीसी की खबर के मुताबिक, चीन के लियाओनिंग प्रांत में चार नवंबर को एक सुरक्षित घर में रेड के दौरान उत्तर कोरिया के 10 लोगों के एक समूह को गिरफ्तार किया गया, जिसमें महिला और उसके चार साल का बच्चा शामिल है।
अनुरोध करने वाले शख्स की पहचान ली के रूप में हुई है, जो 2015 में दक्षिण कोरिया भाग गया था। उसने अपना यह संदेश एक वीडियो में रिकॉर्ड कर बीबीसी को भेजा है।
उसने अपने वीडियो संदेश में कहा कि अगर उसकी पत्नी और बेटे को वापस उत्तर कोरिया भेजा जाता है, तो उन्हें वहां फांसी या फिर राजनीतिक जेल शिविर में भेज दिया जाएगा।
उन्होंने कहा, “मेरी यह इच्छा है कि चीन के राष्ट्रपति शी और अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप को मेरे बेटे को अपना पोता समझना और उसे एक दक्षिण कोरिया जैसे आजाद देश भेजना चाहिए।”
उन्होंने कहा, “हमारी मदद कीजिए। निष्कासन से मेरे परिवार को बचाइए। एक पिता होने के नाते मैं दोनों नेताओं से अपने परिवार की मदद करने की भीख मांगता हूं। हमारी मदद कीजिए।”
बीबीसी की खबर के मुताबिक, इस बीच चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चूनयींग ने एक प्रेस वार्ता में कहा उन्हें इस मामले की जानकारी नहीं है।
उन्होंने कहा कि चीन घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय कानून और मानवतावादी सिद्धांतों के मुताबिक लगातार इस तरह के मामलों को संभालने में सहायता करता है।
मानवाधिकार निगरानी संस्था के मुताबिक, यह गिरफ्तारी उत्तर कोरिया के दलबदलुओं पर कार्रवाई के बीच हुई है। चीन की सुरक्षा सेवा ने जुलाई से सितंबर के पिछले तीन महीने में उत्तर कोरिया के 49 लोगों को गिरफ्तार किया है।
अधिकार समूह ने कहा, तीन महीने से पहले गिरफ्तार किए गए कम से कम नौ लोगों को जबरन उत्तर कोरिया भेजा गया है।
सियोल के एकीकरण मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक, दक्षिण कोरिया से भागने वाले लोगों का प्रतिशत उत्तर कोरिया के मुकाबले 13 फीसदी गिरा है।
उन्होंने कहा, जनवरी से लेकर अगस्त तक उत्तर कोरिया के 780 लोग दक्षिण कोरिया भाग गए हैं।