नई दिल्ली, 1 मई (आईएएनएस)। केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रकाश जावड़ेकर ने रविवार को कहा कि सरकार ने उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग पर गंभीर रुख अपनाते हुए अग्निशमन प्रयासों के लिए पांच करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जबकि आग से निपटने के प्रयासों के तहत छह हजार श्रमिकों को तैनात किया गया है।
उत्तराखंड के वनों में लगी आग पर एक बयान में जावड़ेकर ने कहा, “प्रधानमंत्री कार्यालय ने इस अग्निकांड को बेहद गंभीरता से लेते हुए शनिवार को एक बैठक बुलाई थी। गृह मंत्रालय, राष्ट्रीय आपदा राहत बल और वायुसेना अग्निशमन प्रयासों का मार्गदर्शन कर रहे हैं। पिछले महीने 1200 से ज्यादा स्थलों पर अग्नि की घटनाएं घटीं और आग के कारण 1900 हेक्टेयर से ज्यादा वन क्षेत्र प्रभावित हुए हैं।”
जावड़ेकर ने कहा कि 2012 में 1300 स्थानों पर अग्नि की घटनाएं हुईं और इनके कारण 2000 हेक्टेयर से ज्यादा क्षेत्र प्रभावित हुए थे। उन्होंने कहा, “वन महानिदेशक सहित सभी प्रमुख वन अधिकारी शनिवार से घटनास्थल पर मौजूद हैं। वे बैठकें कर रहे हैं और स्थानीय श्रमिकों को निर्देश दे रहे हैं।”
जावड़ेकर ने कहा, “अग्निशमन के लिए छह हजार श्रमिकों को तैनात किया गया है। अग्निशमन प्रयासों के लिए आवश्यक व्यय प्रदान किया जाएगा।” उन्होंने कहा कि शनिवार को इसके लिए पांच करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
जावड़ेकर ने कहा कि उपग्रह के माध्यम से पिछले वर्ष से अग्नि चेतावनियां जारी की जा रही हैं। उन्होंने कहा, “अग्नि-पूर्व चेतावनी जारी करने का परीक्षण भी प्रारंभ किया जा चुका है। इस नई तकनीक को वन संस्थानों के द्वारा विकसित किया गया है। संबंधित विभागों को एक एसएमएस भी भेजा जाएगा।”
स्थानीय टेलीविजन चैनल इस तरह की अग्नि घटनाओं के समय बरतनी जाने वाली सावधानी और अग्निशमन के प्रयासों में दिए जा सकने वाले योगदान के लिए 30 सेकेंड के विज्ञापन चला रहे हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसी अग्नि घटनाओं के कारणों को जानने के लिए एक अध्ययन किया जाएगा और देश भर में भविष्य में इन पर नियंत्रण पाने के लिए एक कार्ययोजना तैयार की जाएगी।