देहरादून, 19 मार्च (आईएएनएस)। उत्तराखंड में कांग्रेस की हरीश रावत सरकार पर संकट गहराया हुआ है। यह संकट उनके अपने विधायकों ने ही खड़ा किया है।
सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने शुक्रवार देर रात अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया। सूत्रों के मुताबिक, वित्त विधेयक पर कांग्रेस के नौ विधायकों ने अपनी सरकार के विरोध में और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ खड़े दिखाई दिए। इस संकट के बीच अगले पल में क्या होगा, यह बता पाना मुश्किल हैं।
हरीश सरकार में मंत्री हरक सिंह रावत ने शुक्रवार देर रात मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने राज्यपाल के. के. पॉल से मुलाकात कर सरकार को बर्खास्त करने की मांग की।
हरक सिंह का कहना है कि हरीश रावत के अपने लोग सरकार में हावी हैं। उन्होंने दावा किया कि नौ कांग्रेस विधायक भाजपा के साथ हैं।
बागी विधायकों के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस नेतृत्व आश्वस्त दिखाई दिया। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा कि उन्हें पार्टी विधायकों पर पूरा भरोसा है और किसी के भी सरकार के खिलाफ जाने का सवाल ही नहीं उठता।
उधर, भाजपा के उपाध्यक्ष और पार्टी विधायक पुष्कर सिंह धामी ने सरकार गिराने की रणनीति बनाने से इनकार किया है। धामी ने कहा कि सरकार अपने ही अंतर्कलह से गिर जाएगी। भाजपा को ऐसी किसी साजिश की जरूरत नहीं है।
सूत्रों के मुताबिक, कांग्रेस के नौ विधायकों में हरक सिंह रावत, उमेश शर्मा काउ, सुबोध उनियाल, कुंवर प्रणव सिंह, भाजपा नेता सतपाल महाराज की पत्नी अमृता रावत, शैलेन्द्र सिंघल, विजय बहुगुणा, शैला रानी रावत और प्रदीप बत्रा शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि भाजपा के प्रदेश और विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता अध्यक्ष अजय भट्ट ने भाजपा विधायक गणेश जोशी की गिरफ्तारी को असंवैधानिक करार देते हुए उनकी रिहाई की मांग की।
भाजपा विधायक जोशी पर पुलिस के एक घोड़े ‘शक्तिमान’ को पीटकर घायल करने का आरोप हैं। आरोप है कि पिटाई से घोड़े की टांग बुरी तरह घायल हो गई और बाद में संक्रमण के कारण इसे काटना पड़ा।