नई दिल्ली, 27 अप्रैल (आईएएनएस)। केद्र सरकार ने बुधवार को लोकसभा को सूचित किया कि वह परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम के विस्तार की संभावना तलाश रही है और पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड समेत उत्तर भारत में परमाणु बिजली संयंत्र स्थापित करना चाहती है।
प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान कहा कि सरकार परमाणु ऊर्जा कार्यक्रम को लेकर गंभीर है, लेकिन उसके सुरक्षा मानकों को बनाए रखने की सुनिश्चितता के प्रति भी प्रतिबद्ध है।
मंत्री ने कहा कि सरकार उत्तर भारत में परमाणु बिजली संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रही है, क्योंकि इस क्षेत्र में इसका अभाव है।
उन्होंने कहा कि इस तरह के परमाणु संयंत्र पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश में स्थापित किए जा सकते हैं।
हालांकि उन्होंने कहा कि संयंत्र की स्थापना के लिए जरूरी आवश्यकताओं जैसे पानी और भूमि उपलब्ध कराने जैसे मुद्दे भी हैं।
गुजरात में काकरापार परमाणु संयंत्र में लीक से संबंधित कांग्रेस नेता गौरव गोगई के पूरक प्रश्न का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि संयंत्र में विसंगति के चलते लीक की घटना हुई थी। इसे एक घटना ही कही जा कही सकती है न कि दुर्घटना।
उन्होंने कहा, “यह मैं नहीं कह रहा हूं, बल्कि दुर्घटना मापने का अतर्राष्ट्रीय मानक कह रहा है।”
मंत्री ने कहा कि इस मुद्दे पर भय प्रसारक होने की जरूरत नहीं है।
हालांकि गोगई ने कहा कि सरकार को इस तरह की घटनाओं से सबक लेनी चाहिए। छोटी घटनाएं संभावित दुर्घटनाओं की एक मात्र सूचक होती हैं।
मंत्री ने उन्हें प्रत्युत्तर देते हुए कहा कि चीजों को गंभीरता से लिया गया है। इस संबंध में दो समितियां बनाई गई हैं- एक परमाणु ऊर्जा नियामक बोर्ड ने बनाई है और दूसरी भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड द्वारा बनाई गई है, जो घटना की जांच कर रही है।
सिंह ने कहा कि दोनों समितियों की जांच के बाद जो सुझाव और संस्तुतियां आएंगी उसे शामिल किया जाएगा।
विदित हो कि गत 11 मार्च को काकरापार परमाणु संयंत्र की शीतलन प्रणाली में लीक का पता चला था। यह संयंत्र स्वदेश निर्मित दाबित भारी जल रिएक्टर है।
यह संयंत्र देश की कुल उत्पादित परमाणु ऊर्जा का चार प्रतिशत उत्पादन करता है।