रजनीश सिंह
रजनीश सिंह
नई दिल्ली, 19 सितम्बर (आईएएनएस)। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) कश्मीर के उड़ी में हुए आतंकी हमले की एक व्यापक जांच करेगी। हमले में 18 सैनिक शहीद हो गए हैं और भारत ने इसके लिए पाकिस्तान को जिम्मेदार ठहराया है।
जानकार सूत्रों ने कहा कि एक उपमहानिरीक्षक के नेतृत्व में छह सदस्यीय एनएआईए दल केंद्रीय गृह मंत्रालय से मंजूरी मिलने के बाद अपनी जांच शुरू करेगा।
एनआईए दल इस समय श्रीनगर में मौजूद है, और यह सेना के इस प्राथमिक जांच के निष्कर्ष के आधार पर इस हमले की जांच करेगा, जिसमें कहा गया है कि हमला पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद के द्वारा कराया गया है।
सेना के साथ मिलकर एनआईए शुरू से इस मामले की जांच करेगा। यह कि हमले का सूत्रधार कौन है, हमलावर जम्मू एवं कश्मीर मे घुसे कैसे और वे अंतत: उड़ी कस्बे के पास स्थित सेना शिविर में कैसे पहुंचे।
हमले के बाद मार गिराए गए चारों आतंकवादी कथित तौर पर विदेशी थे।
सूत्रों ने कहा कि एनआईए छह सूत्री एजेंडे के साथ अपनी जांच शुरू करेगा, जिसमें छह वर्षो के दौरान हुए आतंकवादी हमले और संदिग्ध आतंकी संगठन की कार्यप्रणाली भी शामिल होंगे।
एक सूत्र ने कहा, “लश्कर और जैश की कार्यप्रणाली में एक समानता है, लेकिन कुछ अन्य बिंदुओं पर उनमें फर्क है।”
एनआईए के अधिकारियों को सेना के उस दावे पर संदेह नहीं है, जिसमें जैश को रविवार के हमले के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है, लेकिन फिर भी वे अनिवार्य जांच प्रक्रिया का अनुसरण करेंगे।
एनआईए सुरक्षा एजेंसियों द्वारा सीमा पर पकड़ी गई रेडियो संदेशों का भी अध्ययन करेंगी।
एनआईए की योजना जम्मू क्षेत्र के कठुआ और साम्बा जिलों में हुए आतंकी हमलों पर फिर से नजर डालने की भी है, जहां सेना और पुलिस के प्रतिष्ठानों पर 2015 में आतंकवादी हमले हुए थे।
पठानकोट वायुसेना अड्डे पर इस वर्ष जनवरी में हुए हमले की भी समीक्षा की जाएगी, क्योंकि इस हमले के लिए भी जैश को ही जिम्मेदार ठहराया गया था।
एनआईए प्रारंभ में प्राथमिक सबूतों और घटनास्थल से बरामद हथियारों और गोला-बारूद पर नजर डालेगा।
उड़ी में मृत आतंकवादियों के पास से बरामद सामग्रियों में 39 यूबीजीएल ग्रेनेड, पांच हथगोले, दो रेडियो सेट, दो जीपीएस उपकरण, दो नक्शे और बड़ी मात्रा में खाद्य सामग्री और दवाएं शामिल हैं, जिनपर पाकिस्तान के निशान हैं।
रविवार के इस हमले से भारत-पाकिस्तान का संबंध नए निचले स्तर पर पहुंच गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमले के बाद घोषणा की कि हमले के सूत्रधारों को बख्शा नहीं जाएगा। जबकि पाकिस्तान ने इसमें अपनी संलिप्तता से इंकार किया है।