भोपाल, 17 दिसंबर- मध्य प्रदेश के नगरीय प्रशासन और आवास व पर्यावरण मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि उज्जैन में वर्ष 2016 में होने वाले सिंहस्थ को पर्यावरण की दृष्टि से हरित सिंहस्थ के रूप में आयोजित किया जाएगा। नगरीय प्रशासन और आवास व पर्यावरण विभाग की एक वर्ष की उपलब्धियों का ब्यौरा पेश करते हुए विजयवर्गीय ने बुधवार को बताया कि सिंहस्थ के मेले में बायोफ्यूल से चलने वाले वाहन चलाए जाएंगे और प्लास्टिक के इस्तेमाल को पूरी तरह प्रतिबंधित किया जाएगा। साथ ही साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिए जाने के साथ शौचालयों का निर्माण कराया जाएगा।
विजयवर्गीय ने बताया कि सिंहस्थ में साफ-सफाई के लिए हरियाणा के डेरा सच्चा सौदा से भी मदद ली जाएगी। उनके अनुसार डेरा सच्चा सौदा के पास दो लाख से ज्यादा कार्यकर्ता हैं, यह कार्यकर्ता पूर्व में मुम्बई में अपनी सफाई क्षमता का प्रदर्शन कर चुके है। संस्था प्रमुख से सिंहस्थ में सफाई अभियान में मदद का आग्रह किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि सिंहस्थ में आने वाले विभिन्न धर्मगुरुओं की मौजूदगी में सिंहस्थ के धार्मिक के साथ सामाजिक, शैक्षणिक और पर्यावरणीय महत्व पर चर्चा होगी। योग के महत्व पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का ओयाजन किया जाएगा। देश केप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस आयोजन में आमंत्रित किया गया है।
विजयवर्गीय ने आगे बताया कि स्वच्छ भारत-स्वच्छ मध्य प्रदेश अभियान दो अक्टूबर से शुरू किया गया है। प्रदेश का शहरी इलाका पूरी तरह स्वच्छ हो इसके लिए मुख्यमंत्री शहरी स्वच्छता मिशन शुरू किया गया है। राज्य में 2017 तक खुले में शौच को पूरी तरह खत्म किए जाने का लक्ष्य तय किया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य शासन द्वारा पहली बार नगरीय क्षेत्रों की अधेासंरचना विकास के लिए मुख्यमंत्री शाहरी अधोसंरचना विकास योजना, मुख्यमंत्री शहरी पेयजल योजना और मुख्यमंत्री शहरी स्वच्छता मिशन योजनाएं शुरू की गई है। पहले अधोसंरचना विकास के लिए भारत सरकार पर निर्भर रहना पड़ता था।
लोक परिवहन सेवा का जिक्र करते हुए विजयवर्गीय ने बताया कि राज्य के चार शहरों में आधुनिक व आरामदायक बसें संचालित हैं, आगामी योजना है कि ऐसी बसों को 200 किलोमीटर की दूरी तक चलाया जाए। इसके लिए भारत सरकार को 1500 बसों का प्रस्ताव भेजा गया है।
गरीबों को आवास उपलब्ध कराने की योजना का ब्यौरा देते हुए उन्होंने बताया कि शहरी गरीबों के लिए हाउसिंग फॉर ऑल 2022 के अंतर्गत 2022 तक सभी गरीबों को मकान उपलब्ध कराते हुए मलिन बस्ती मुक्त शहर बनाया जाना प्रस्तावित है। वर्तमान में 60 हजार आवास बनाए जा रहे है।