नई दिल्ली, 30 सितम्बर (आईएएनएस)। केंद्रीय मानव संसाधान विकास मंत्री स्मृति ईरानी ने बुधवार को संस्कृत में हो रहे शोध कार्यो के नजरिए में बदलाव की जरूरत पर बल देते हुए विद्वानों से संस्कृत की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और इसे लोकप्रिय बनाने के लिए नेतृत्वकर्ता की भूमिका निभाने की अपील की।
राष्ट्रीय संस्कृत संस्थान के पांचवें दीक्षांत समारोह में स्मृति ने कहा कि इस पवित्र भाषा में मौजूद साहित्य ज्ञान का अपार भंडार है और संस्कृत का विकास देश के विकास में सकारात्मक माहौल पैदा करेगा।
स्मृति ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी की नई परंपराओं तथा वैश्विक विकास को ध्यान में रखते हुए संस्कृत में हो रहे शोध कार्यो को नए नजरिए से किए जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, “संस्कृत के सभी विद्वानों को साथ मिलकर संस्कृत की शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार और इसे लोकप्रिय बनाने पर विचार करना चाहिए।”
स्मृति ने कहा, “समसामयिक साहित्य को संस्कृत में अनुदित करना होगा तथा संस्कृत साहित्य में मौजूद विज्ञान और गणित के ज्ञान भंडार को सबके सामने लाना होगा और प्रकाशित करना होगा।”