यह व्यवस्था शुक्रवार को लागू की गई है। यूरोपीय आयोग ने एक बयान में कहा है कि इस व्यवस्था के तहत अब ईयू में इस्पात उत्पादों का आयात करने से पहले एक आयात लाइसेंस लेना होगा।
ईयू लंबे समय से कहता आ रहा है कि चीन जैसे दूसरे बाजारों से इस्पात उत्पादों का आयात करने से उसका श्रम बाजार प्रभावित हो रहा है।
चीन हालांकि चेतावनी देता रहा है कि इस तरह के संरक्षणवादी रवैये से इस्पात के जरूरत से अधिक उत्पादन की वैश्विक समस्या से निपटा नहीं जा सकता।