नई दिल्ली, 1 जून (आईएएनएस)। कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) में करोड़ों के मातृत्व अवकाश घोटाले की जांच आगे बढ़ने पर धोखाधड़ी के मामलों की संख्या 600 से बढ़कर 1,600 हो गई है।
घोटाले में निजी क्षेत्र की सैकड़ों महिलाकर्मी हैं, जिन्होंने केंद्र सरकार की मातृत्व अवकाश योजना के अंतर्गत मिलने वाली आर्थिक सहायता कथित रूप से ईएसआईसी के अधिकारियों से मिलीभगत कर ली थी।
ईएसआईसी के हिसाब-किताब की व्यापक जांच कर रहे सतर्कता विभाग ने यह भी पाया कि कई मामलों में महिला कर्मियों ने एक साल में मातृत्व अवकाश का फायदा एक बार से ज्यादा लिया है, उन महिलाओं के रिकॉर्ड के अनुसार, उन्होंने एक साल में चार बार बच्चों को जन्म दिया है, जो जैविक रूप से असंभव है।
ईएसआईसी केंद्रीय श्रम एवं रोजगार विभाग के अंतर्गत आता है। इस घोटाले का खुलासा फरीदाबाद स्थित क्षेत्रीय कार्यालय पर नियमित आंतरिक जांच के दौरान हुआ।
मंत्रालय की एक वरिष्ठ मंत्री ने आईएएनएस से कहा, “फिलहाल, आठ करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का पता चल पाया है। यह घोटाला बहुत बड़े स्तर पर होता दिख रहा है और हो सकता है कि यह देश के अन्य भागों में भी हुआ हो।”
मातृत्व अवकाश के दौरान 26 माह का सवैतनिक अवकाश मिलता है।
घोटाले की प्राथमिक जांच ईएसआईसी की आंतरिक ऑडिट (हिसाब-किताब की जांच) में एक साल के अंदर ऐसे दर्जनों मामलों के प्रकाश में आने के बाद शुरू की गई। पिछले सप्ताह आईएएनएस द्वारा इस मामले का खुलासा किए जाने के बाद सतर्कता आयोग दिल्ली स्थित ईएसआईसी कार्यालय में इसकी जांच कर रहा है।
सूत्रों ने कहा कि जांच का कार्यकाल पिछले तीन साल से बढ़ाकर छह साल कर दिया गया है। अब तक छह कर्मचारियों और तीन अधिकारियों को निलंबित किया जा चुका है और घोटाले की जांच के लिए एक टीम गठित की जा चुकी है।