वाशिंगटन, 23 दिसंबर – साल 2014 में दुनियाभर में तकरीबन 60 पत्रकारों की हत्या हुई है। इनमें से एक चौथाई पत्रकारों ने विश्व के विभिन्न देशों के संकटग्रस्त इलाकों में अपनी जान गंवाई। यह जानकारी कमेटी टू प्रोटेक्ट जर्नलिस्ट (सीपीजे) द्वारा जारी एक रपट से मिली है। न्यूयॉर्क के एक गैर-लाभकारी संगठन सीपीजे की वार्षिक समीक्षा के हवाले से प्रेस टीवी ने अपनी रपट में बताया कि 2014 में विश्व के विभिन्न देशों के संकटग्रस्त इलाकों से रिपोर्टिग के दौरान अपनी जान गंवाने वाले पत्रकारों की संख्या में असामान्य रूप से वृद्धि हुई है।
रपट के मुताबिक, 44 फीसदी संवाददाताओं को हत्या के लिए निशाना बनाया गया।
सीपीजी ने कहा कि इस साल मारे गए पत्रकारों की संख्या में पिछले साल के मुकाबले कमी आई है। 2013 में 70 पत्रकार काम के दौरान मारे गए थे। इस संस्था ने 1992 से पत्रकारों की सुरक्षा संबंधी आंकड़े इकट्ठा करना शुरु किए थे। रपट में कहा गया है कि पिछले तीन साल पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक रहे।
रपट के मुताबिक 2014 में तकरीबन 17 पत्रकारों की सीरिया में हत्या की गई। अरब देशों में चार साल से जारी संकट में अभी तक 79 पत्रकारों की जान जा चुकी है।
गाजा में इजरायल और फलस्तीनियों के बीच गर्मियों के दिनों में 50 दिनों तक चले संघर्ष में कम से कम चार पत्रकारों सहित सात मीडियाकर्मी मारे गए।
संगठन ने खुलासा किया है कि 2014 में मारे गए पत्रकारों में से आधे पत्रकारों की मौत मध्यपूर्व में हुई। इनमें से 39 फीसदी पत्रकारों की जान मुकाबले या फिर गोलीबारी में गई।