पंचांग के अनुसार इस साल 17 सितंबर यानि आज से पितृ पक्ष की शुरुआत हो गई है और आज पूर्णिमा तिथि के साथ ही पूर्णिमा का श्राद्ध भी है. पितृ पक्ष को आम बोलचाल की भाषा में कनागत भी कहते हैं और इस दौरान 15 दिनों तक पितरों यानि अपने उन पूर्वजों का श्राद्ध कर्म किया जाता है जो कि अब इस दुनिया में नहीं है. मान्यता है कि यमराज 15 दिनों के लिए पितरों की आत्मा को मुक्त करते हैं और इसलिए पितृ पक्ष 15 दिन बहुत खास होते हैं. यदि इस दौरान विधि-विधान से पितरों का तर्पण किया जाए तो वह प्रसन्न होकर अपने लोक चले जाते हैं.
व्यक्ति की मृत्यु के तिथि के आधार पर ही पितृ पक्ष में उसका श्राद्ध किया जाता है. यदि आपको अपने पितरों यानि पूर्वजों की मृत्यु की हिंदी तिथि पता है तो उसी के अनुसार पितृ पक्ष में उस दिन उनका श्राद्ध करें. वहीं कुछ लोग ऐसे भी जिन्हें शायद तिथि नहीं पता तो ऐसे में पितृ पक्ष के दौरान रोजाना एक काम अवश्य करें. इससे पितर प्रसन्न होकर आशीर्वाद देंगे और उनकी आत्मा को भी शांति मिलेगी.