नई दिल्ली: इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शसनेस (इस्कॉन) ने बीते शुक्रवार (29 सितंबर) को कहा कि उसने गोशालाओं में गायों के रखरखाव को लेकर इस धार्मिक संगठन पर सवाल उठाने के लिए पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद मेनका गांधी को 100 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है.
बीते दिनों सोशल मीडिया पर मेनका गांधी का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें उन्हें इस्कॉन के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए सुना जा सकता है. वीडियो में उन्हें यह आरोप लगाते हुए सुना जा सकता है कि इस्कॉन देश का सबसे बड़ा धोखेबाज संगठन है, जो अपनी गोशालाओं से गायों को कसाइयों को बेच देता है.
मेनका को सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में कहते सुना जा सकता है, ‘जो सबसे बड़े देश के धोखेबाज हैं, वो है इस्कॉन. वो गोशाला रखते (बनाते) हैं और गोशाला चलाने के लिए सरकार से उन्हें दुनियाभर का फायदा मिलता है. बड़ी-बड़ी जमीनें मिलती हैं. मैं अभी उनकी अनंतपुर गोशाला में गई, एक भी कमज़ोर गाय नहीं थी, पूरी की पूरी दुधारू हैं. एक भी बछड़ा नहीं है. इसका मतलब है कि सब बेचे गए हैं. इस्कॉन अपनी सभी गायों को कसाइयों को बेच रहा है. जितना ये करते (बेचते) हैं, और कोई नहीं करता.’
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इसके उपाध्यक्ष राधारमण दास ने एक बयान में कहा, ‘आज हमने इस्कॉन के खिलाफ पूरी तरह से निराधार आरोप लगाने के लिए मेनका गांधी को 100 करोड़ रुपये का मानहानि नोटिस भेजा है.’
यह कहते हुए कि इस्कॉन के श्रद्धालु, समर्थकों और शुभचिंतकों का विश्वव्यापी समुदाय आरोपों से बहुत दुखी है, उन्होंने इसे दुर्भावनापूर्ण आरोप करार दिया.
न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इस्कॉन ने नोटिस में सवाल किया, ‘एक सांसद, जो कभी केंद्रीय मंत्री रहीं हैं, इतने बड़े समाज के खिलाफ बिना किसी सबूत के झूठ कैसे बोल सकती हैं?’
इससे पहले आरोपों का खंडन करते हुए इस्कॉन ने उन्हें ‘अप्रमाणित और झूठा’ बताया था.
संगठन ने एक बयान में कहा था कि भारत के भीतर इस्कॉन 60 से अधिक गोशालाएं चलाता है, जो सैकड़ों पवित्र गायों और बैलों की रक्षा करती हैं और उनके पूरे जीवनकाल के लिए देखभाल प्रदान करती हैं. वर्तमान में इस्कॉन की गोशालाओं में जिन गायों की सेवा की जा रही है उनमें से कई को लावारिस, घायल पाए जाने या वध किए जाने से बचाए जाने के बाद हमारे पास लाया गया था.