चेन्नई, 7 मार्च (आईएएनएस)। भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने प्रतिभूति अपीली न्यायाधिकरण (सैट) द्वारा बीमा विपणन कंपनी (आईएमएफ) अधिनियम के तहतके लिए गए निर्णय के खिलाफ सुनवाई करने के सर्वोच्च न्यायालय के अधिकार को वीटो कर दिया है।
कानूनी विशेषज्ञों के मुताबिक, हाल ही में इरडा द्वारा अधिसूचित आईएमएफ के नियम, बीमा कानून के प्रावधानों के साथ मेल नहीं खाते।
इरडा बिक्रेताओं के लिए भुगतान स्तर निर्धारित करने हेतु अज्ञात क्षेत्र में भी प्रवेश कर रहा है, ताकि अन्य विनियमित संस्थाओं के कर्मचारियों की मांगों में वृद्धि हो सके।
आईएमएफ के नियमानुसार, यदि किसी व्यक्ति का पंजीकरण या लाइसेंस के लिए दिया गया आवेदन बीमा नियामक द्वारा खारिज कर दिया जाता है तो वह सबसे पहले इरडा के अध्यक्ष को अपील कर सकता है और यदि फैसला उस व्यक्ति के पक्ष में नहीं हो तो वह सैट का दरवाजा खटखटा सकता है।
यदि सैट का फैसला भी उसके पक्ष में नहीं होता है तो आवेदन खारिज होने के एक साल बाद आवेदक दोबारा आवेदन कर सकता है। इरडा इस आवेदन पर औचित्य के आधार पर विचार करेगा।
सर्वोच्च न्यायालय के वकील और बीमा/कंपनी/प्रतिस्पर्धा कानूनों के विशेषज्ञ डी. वरदराजन ने आईएएनएस को बताया, “यह बीमा अध्यादेश 2014 के जरिए बीमा कानून 1938 में संशोधित की गई नई धारा 110 के प्रावधानों के अनुरूप नहीं है।”
उन्होंने कहा कि नए प्रावधानों के तहत यह स्पष्ट रूप से बताया गया है कि सैट के आदेश से असंतुष्ट कोई भी व्यक्ति कानून के दायरे से बाहर के प्रश्नों पर सेबी अधिनियम की 15जेड धारा के तहत 60 दिनों के भीतर सर्वोच्च न्यायालय में अपील कर सकता है।
नियमों के अनुसार, आईएमएफ किसी भी समय अधिकतम दो जीवन बीमा कंपनियों, दो सामान्य बीमा कंपनियों और दो स्वास्थ्य बीमा कंपनियों का प्रतिनिधित्व कर सकता है।
आईएमएफ बीमा करने वालों की गैर आधिकारिक गतिविधियों को भी संचालित कर सकता है, सर्वेक्षण कर सकता है और नुकसान का आंकलन कर सकता है और इरडा द्वारा स्वीकृत बीमा संबंधित अन्य गतिविधियों को देख सकता है।
आईएमएफ म्युचुअल फंड, पेंशन उत्पादों, बैंकिंग सेवाओं, बैंकों के वित्तीय उत्पादों, डाक विभाग द्वारा मुहैया कराए गए गैर बीमा उत्पादों और इरडा द्वारा स्वीकृत अन्य वित्तीय उत्पादों को भी बेच सकता है।
आईएमएफ की न्यूनतम संपत्ति 10 लाख रुपये की होनी चाहिए और विदेशी पूंजी की सीमा 49 प्रतिशत तक होनी चाहिए।
जीवन बीमा कंपनी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न जाहिर करने की शर्त पर आईएएनएस को बताया, “नियमानुसार, आईएमएफ देश के सिर्फ एक जिले में ही अपना संचालन कर सकता है और बीमा बिक्रेता (आईएसपी) भी उसी जिले से नियुक्त किए जाएंगे।”
नियमानुसार, ‘बीमा विपणन कंपनी’ शब्द आईएमएफ के नाम का हिस्सा होना चाहिए।