नई दिल्ली, 3 मई (आईएएनएस)। देश के 40 लाख मोबाइल उपभोक्ताओं ने इंटरनेट निरपेक्षता पर सेल्युलर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) का समर्थन किया है, जिसने व्हाट्सएप और स्काइप जैसी इंटरनेट आधारित सेवाओं के लिए इंटरनेट निरपेक्षता के साथ मोबाइल फोन सेवा प्रदाताओं जैसे नियम लागू करने की मांग की है।
सीओएआई ने यहां एक बयान में कहा, “इंटरनेट निरपेक्षता, इंटरनेट समानता और उपभोक्ता विकल्प के लिए ‘सबका इंटरनेट, सबका विकास’ अभियान को एक सप्ताह में 40 लाख भारतीय मोबाइल उपभोक्ताओं का समर्थन मिला है।”
इसमें कहा गया है, “संबंधित एजेंसी अनुरोध करने पर सभी समर्थक मोबाइल फोन डाटाबेस की जांच कर सकती है।”
सबका इंटरनेट, सबका विकास अभियान गत सप्ताह शुरू किया गया था।
सीओएआई ने कहा कि यदि दूरसंचार सेवा प्रदाताओं और इंटरनेट आधारित सेवाओं को समानता का अवसर नहीं दिया गया, तो डाटा किराया छह गुना बढ़ाने पर ही दूरसंचार सेवा प्रदाताओं के लिए कारोबार में बने रहना संभव हो पाएगा।
पिछले कुछ दिनों से यह कहा जा रहा था कि दूरसंचार कंपनियां कुछ चुनी हुई इंटरनेट आधारित सेवा प्रदाताओं को तरजीज देकर मुक्त इंटरनेट सुविधा की अवधारणा को नुकसान पहुंचा रही हैं।
इंटरनेट निपरपेक्षता पर इन दिनों खास तौर से इसलिए अधिक चर्चा हो रही है, क्योंकि पिछले दिनों एयरटेल ने अपना विपणन प्लेटफॉर्म ‘एयरटेल जीरो’ लांच किया। साथ ही दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने एक परामर्श पत्र जारी कर सुझाव मांगा कि क्या दूरसंचार कंपनियों को इंटरनेट के अलग-अलग प्रकार के उपयोग (जैसे ई-मेल, ब्राउजिंग और व्हाट्सएप, वाइबर और स्काइप जैसे एप्लीकेशनों) के लिए अलग-अलग शुल्क लेने की अनुमति दी जा सकती है।